Tipu Sultan facts In Hindi : टीपू सुल्तान के बारे में कुछ रोचक तथ्य
Hy friends आज मैं आपको टीपू सुल्तान के बारे में कुछ रोचक तथ्य ( Tipu Sultan facts In Hindi) टीपू सुल्तान के जीवन से जुड़े 10 रोचक तथ्य (Tipu Sultan 10 Intresting facts In Hindi) , टीपू सुल्तान के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी, टीपू सुल्तान के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य, टीपू सुल्तान के केछ फैक्ट्स के बारे में पूरी जानकारी देंगे।
टीपू सुल्तान बहुत अभिमानी तथा आक्रामक स्वभाव के थे। टीपू सुल्तान मैसूर के शासक थे। टीपू सुल्तान को शेर-ए-आजम के नाम से जाना जाता है। टीपू सुल्तान सिर्फ एक कुशल शासक ही नही वे एक कुशल सेनापति, कवि थे। उन्होंने हिन्दू मन्दिरों के लिए बहुत कुछ किया। उन्होंने जीवन पर्यन्त मैसूर की रक्षा की। टीपू 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में एक महान शासक थे।वे अपने पिता की मृत्यु के बाद मैसूर की गद्दी पर बैठे। इन्होंने अग्रेजों को भारत से निकालने के लिए काफी प्रयास किये। उन्हें शेर-ए-मैसूर भी कहा जाता है। टीपू अपने पिता की तरह महत्वकांक्षी, चतुर, कुशल सेनापति कूटनीतिज्ञ थे।
तो चलिए जानते है टीपू सुल्तान के बारे में कुछ रोचक तथ्य-
- टीपू सुल्तान का जन्म 20 नवम्बर 1750 को हुआ था।
- टीपू सुल्तान का जन्मस्थान कर्नाटक के देवनाहल्ली में हुआ था।
- टीपू सुल्तान का पूरा नाम सुल्तान फतेह अली खान शाहाब था।
- टीपू सुल्तान के पिता का नाम हैदर अली तथा माता का नाम फ़क़रून्निसा था।
- टीपू सुल्तान के पिता मैसूर राज्य में एक सैन्य अधिकारी थे।
- टीपू सुल्तान के पिता अपनी शक्ति बढ़ाते हुए 1761 में मैसूर के शासक बन गये थे।
- टीपू सुल्तान के पिता हैदर अली के वंशज अरब के खुरैशी वंश के थे।
- टीपू सुल्तान का नाम औलिया टीपू मस्तान के नाम पर रखा गया।
- टीपू सुल्तान के दादा जी का नाम फतेह मुहम्मद था।
- टीपू सुल्तान एक योग्य शासक कुशल सेनापति, कवि थे।
- मेलकोट के मन्दिर में चाँदी और सोने के बर्तन टीपू सुल्तान ने ही भेट किए थे।
- टीपू सुल्तान के पिता हैदर अली के बाद मैसूर की राजगद्दी पर वे बैठे थे।
- बहुत विद्वानों का मानना है कि टीपू सुल्तान धर्मान्ध मुसलमान था।
- टीपू सुल्तान के बारे में कई लोगों का मानना था कि उसने 30 हजार सैनिको के दल के साथ कालीकट में तबाही मचाई और उसने पुरूषों और महिलाओं को फाँसी की सजा दी थी।
- टीपू सुल्तान क्रूर शासक था उसने शहर के मंदिर, चर्चो को तोड़वाने शहर के मंदिर, चर्चों को तोड़वाने का आदेश भी दिया था।
- टीपू सुल्तान ने हिंदू और इसाई महिलाओं की जबरन शादी मुस्लिमों की संख्या में बढ़ोतरी हुए। पुरूषो को जबर दस्ती मुस्लिम धर्म अपनाने को कहा जिसने भी इसका विरोध या मना किया उसे मार डालने का आदेश दिया गया।
- टीपू सुल्तान पूरे भारत का बादशाह बन कर, भारत देश पर राज करना चाहता था।
- टीपू को शेर-ए-मैसूर भी कहा जाता है।
- टीपू सुल्तान 18 वर्ष की आयु से ही अंग्रेजों के खिलाफ एक युद्ध छेड़ दिया और उस युद्ध में जीत टीपू सुल्तान की हुई।
- टीपू ने कई जगहो का नाम बदलकर मुस्लिम नामो पर रखा, लेकिन जब टीपू की मृत्यु हुई तब उनके नाम बदल कर फिर से वही रख दिये गए।
- टीपू सुल्तान की तलवार का वजन 7 किलो 400 ग्राम है आज इस तलवार की कीमत 21 करोड़ रू० है।
- टीपू सुल्तान ने एक रॉकेट का अविष्कार किया था। आज यह रॉकेट अंग्रेजो के पास है।
- यह राकेट लंदन के म्यूजियम में सुरक्षित रखी है।
- टीपू सुल्तान एक अंगूठी पहनते थे जिस पर ‘राम’ नाम लिखा था। इसे भी अंग्रेज अपने साथ ले गये।
- टीपू सुल्तान की तलवार पर रत्नजडि़त बाघ बना हुआ था।
- टीपू सुल्तान को फारसी उर्दू, कानड़ी, अरबी जैसी कई भाषाओं का ज्ञान था।
- टीपू सुल्तान का विवाह सिंध सुल्तान के साथ हुआ था।
- टीपू सुल्तान के 12 बच्चे थे जिसमें से अभी 2 बच्चों के बारे में पता है।
- टीपू सुल्तान को ग्रंथ एकत्रित करने का शौक था।
- टीपू सुल्तानर गोरिल्ला युद्ध से जंग लड़ने में माहिर थे।
- टीपू ने एक करोड़ से ज्यादा हिन्दुओं का धर्म बदला और उन्हे मुसलमान बनाया।
- टीपू सुल्तान खुद को नागरिक टीपू कहता था।
- टीपू सुल्तान की तलवार को 2003 में 21 करोड़ में नीलाम कर दी गई थी।
- टीपू सुल्तान की अंगूठी भी मई 2014 में लंदन में नीलाम कर दी गई थी।
- श्री रंगपट्टनम की लड़ाई में अंग्रेजों ने टीपू सुल्तान की उंगली से सोने की अंगूठी निकाल ली थी।
- पालाक्काड जिला टीपू का किला नाम से भी प्रसिद्ध है।
- भारत के पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक ए.पी.जे अब्दुल कलाम ने टीपू सुल्तान को सबसे पहला रॉकेट अविष्कारक बताया।
- टीपू सुल्तान को पहला मिसाइल मैन के नाम से जाना जाता है।
- टीपू सुल्तान की तलवार को लंदन में नीलामी के वक्त विजय माल्या ने खरीदा था।
- टीपू सुल्तान का प्रतीक चिन्ह बाघ था।
- टीपू सुल्तान की मृत्यु 4 मई 1799 ई० को श्री रंगपट्टनम की रक्षा करते हुए हुई थी।
Osm Sir