पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ की जीवनी – Pushpendra Kulshrestha Biography in Hindi
Hy Guyz, आज हम आपके लिए पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ की जीवनी, Pushpendra Kulshrestha Biography in Hindi, Pushpendra Kulshrestha Wiki In Hindi से जुड़ी जानकारी लेकर आये हैं |
पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ एक राष्ट्रवादी पत्रकार हैं। उनकी राजनीति में कोई खास दिलचस्पी नहीं, लेकिन वह अपने बयानो को लेकर अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं। पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ वह नाम हैं जो राष्ट्रवादी आवाज के चलते अखबारों, टेलीविजन और रेडियो में चलता रहा हैं। सोशल मीडिया पर भी पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ के लाखों में फॉलोवर्स और फैनपेज हैं। उनके फैंस उनका हमेशा समर्थन करते हैं। पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ एक ऐसी अवजः है जो आज के आधुनिक युग मे भी भारत की संस्कृति के पक्ष में बोलती हैं। राष्ट्रवादी पत्रकार पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ किसी परिचय के मोहताज नहीं है, लेकिन उनके जीवन के बारे में काफी कम लोग जानते हैं। आज के इस लेख में हम आपको ‘पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ की जीवनी – Pushpendra Kulshrestha Biography in Hindi’ के बारे में बताने वाले हैं।
पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ कौन हैं? Who is Pushpendra Kulshrestha in Hindi
पूरा नाम | पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ |
Date Of Birth | 2 नवम्बर 1960 |
Age | 59 |
Proffesion | Speaker, Journalist, Activist |
Education | Graduate from A.M.U |
Net Worth | N/A |
Phone Number | N/A |
Telegram Group | No Group Found |
पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ एक जाने माने राष्ट्रवादी पत्रकार है जो अपने लेखों और बयानों के चलते अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं। पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ की संस्कृत, हिंदी और उर्दू तीनो ही भाषाओं पर बेहतरीन पकड़ है। साथ मे वह इन तीनों भाषाओं के साहित्य से भी वाकिफ हैं। पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ राजनीतिक तौर पर किसी भी दल को सपोर्ट नहीं करते। उनका मानना है कि जो भी राजनीतिक दल जनता की भलाई के लिए काम कर रहे हैं वह ही बेहतर होता हैं। पत्रकार पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ कश्मीर में धारा 370 अनुच्छेद 35A, अनुच्छेद 30 और 30A जैसे मुद्दों पर सरकार पर हमेशा तंग करते रहे हैं। जब भारतीय जनता पार्टी ने धारा 370A और अनुच्छेद 35A को समाप्त कर दिया तब पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने उनका दिल से समर्थन किया। पुष्पेंद्र और अनुभवी और राष्ट्रवादी पत्रकार है जिनके लाखो समर्थक हैं।
पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ की जीवनी – Pushpendra Kulshrestha Biography in Hindi
पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ का जन्म 2 नवम्बर 1960 को अलीगढ़ में हुआ था। अलीगढ़ एक ऐसा जिला है जहाँ मुस्लिमो की संख्या ज्यादा हैं। पुष्पेंद्र जी का कहना है कि अलीगढ़ में शासन-प्रशासन आदि एक धर्म विशेष के पक्ष में हुआ करते थे जिस वजह से अन्य धर्मों को अक्सर झुकना पड़ता था। समानता का अधिकार कहने मात्र का था। ना चाहते हुए भी उन्हें विद्यालयों और विश्वविद्यालयों में उर्दू पढ़नी पड़ती थी। पुष्पेंद्र जी अपने विद्यालय के सबसे उज्ज्वल छात्रों में से एक हैं। साहित्य में उनकी बचपन से ही रुचि थी।
वह किसी भी विषय को पढ़ने के लिए अपना एक तरीका निकाला करते थे और उसी तरीके के अनुसार पढ़ाई किया करते थे। इस वजह से वह कक्षा में अन्य बच्चों से आगे रहा करते थे और एक बेहतरीन छात्र थे। विद्यालय के दिनों में ही धर्म विशेष की तरफ से अन्य धर्मों के लिए किए जाने वाले बर्ताव को लेकर पुष्पेंद्र जी में राष्ट्रवादी विचारधारा जग चुकी थी। पत्रकार पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ की हिंदी साहित्य में काफी रूचि थी जिस वजह से उन्होंने अलीगढ़ विश्वविद्यालय का चयन किया जो कि एक मुस्लिम विश्वविद्यालय था।
अलीगढ़ विश्वविद्यालय एक ऐसा विश्वविद्यालय है जहां से कई बुद्धिजीवियों ने अपनी पढ़ाई की थी। मुस्लिम जनसंख्या ज्यादा होने के कारण अलीगढ़ में एक ब्राह्मण होते हुए भी पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ को विद्यालय और विश्वविद्यालय में उर्दू आपके साहित्य और कुरान को पढ़ाया गया था। यह वहां के सभी विद्यालयों और विश्वविद्यालयों में अनिवार्य था। एक बड़ा विश्वविद्यालय होने के बावजूद भी हिंदी साहित्य में पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ की रुचि के चलते आसानी से उनका चयन अलीगढ़ विश्वविद्यालय में हो गया। अपनी राष्ट्रवादी विचारधारा के चलते पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने पत्रकारिता के रास्ते पर चलने को सही समझा।
काफी कम समय में ही पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने पत्रकारिता के क्षेत्र में नाम कमा लिया। उनकी पत्रकारिता नीति समाज को एक अलग दिशा में ले जाने और अपराधों को उजागर करने में कारगर साबित हुई। पुष्पेंद्र जी के पत्रकारिता ने उन्हें उस मुकाम पर पहुंचा दिया जिस पर उनका अधिकार था। पत्रकारिता के लिए पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ को भारत सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर ब्यूरो चीफ बनाकर पाकिस्तान भेजा गया। पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने पाकिस्तान में ‘आज न्यूज़’ के लिए लंबे समय तक काम किया। पाकिस्तान से आने के बाद पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने भारत में पीसीआई (प्रेस क्लब ऑफ इंडिया – PCI) में अहम पद पर काम किया।
पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ पर पीसीआई में काम करने के दौरान कुछ गलत आरोप लगाए गए जिसके चलते उन्हें प्रेस क्लब ऑफ इंडिया से निकाल दिया गया। पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था। उनके ऊपर 3 धाराएं 420, 406, 120B लगाई गई। लेकिन उनके ऊपर कोई भी अपराध सिद्ध नहीं हुआ। पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ के समर्थकों का मानना है कि उनकी राष्ट्रवादी विचारधारा के चलते लोगों ने उन्हें बदनाम करने के लिए उनके ऊपर यह आरोप लगाए। इसके बाद से पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ आज तक अपने लेखों और बयानों के लिए सुर्खियों में बने रहते हैं। उन्हें राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं लेकिन अगर कोई राजनीतिक दल जनता के हितों में काम करता है तो वह उसका समर्थन जरूर करते हैं।
धर्म के प्रति पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ जी का रुझाव :
सनातन धर्म के लिए पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ हमेशा समर्थन में रहे हैं। पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने देश-विदेश में अपने धर्म का नेतृत्व किया है। पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ केवल एक श्रेष्ठ पत्रकार ही नहीं बल्कि एक बेहतरीन धार्मिक वक्ता भी है। अपने विद्यालय और विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान हुई पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ को कई मंच प्राप्त हुए जिनसे उन्हें एक बेहतरीन वक्ता बनने में मदद मिली। उनके विचारों को जानने के लिए लाखों लोग अग्रसर रहते हैं। पत्रकारिता के बाद उन्होंने स्वतन्त्र रूप से अपने बयान दिए हैं। पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ एक ऐसे पत्रकार है जो धर्म और संस्कृति के मूल्यों को समझते हैं। वह नई पीढ़ी को धार्मिक बनने का संदेश देते हैं।
पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ का धारा 370 का विरोध
कश्मीर में धारा 370 भारत के संविधान के लिये एक प्रकार से अपवाद जैसा था। यह जम्मू कश्मीर को एक अलग देश होने की मान्यता देता था। पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ उन गिने-चुने ने राष्ट्रवादी पत्रकारों में से एक थे जिन्होंने शुरुआत से ही धारा 370 का विरोध किया था। धारा 370 को समाप्त करने के लिए कई आंदोलन किए गए और कई जाने गए लेकिन यह कभी समाप्त नहीं हुई। एक पत्रकार के तौर पर पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने सरकार को कई बार इस विषय पर तंज कसा। पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ अपनी राष्ट्रवादी विचारधारा के कारण बचपन से ही धारा 370 के कट्टर विरोधी थे। साल 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने धारा 370 को समाप्त कर दिया और साथ ही तिब्बत को भी जम्मू कश्मीर से अलग राज्य का दर्जा दिया। लाखों-करोड़ों लोगों के साथ पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने भी भारतीय जनता पार्टी के इस फैसले का समर्थन किया।
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