Nawazuddin Siddiqui Biography In Hindi : WIKI | नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी की जीवनी

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NAWAZUDEEN SIDDIQUI biography in hindi

Nawazuddin Siddiqui Biography In Hindi : नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी की जीवनी

Hy freinds आज हम आपको नवाजुद्दीन सिद्दीकी की जीवनी, नवाजुद्दीन सिद्दीकी का जीवन-परिचय, नवाजुद्दीन सिद्दीकी की जीवनी (Biography  of Nawazuddin Siddqui), नवाजुद्दीन सिद्दीकी की सफलता की कहानी (Success storey of Nawazuddin siddiqui) के बारे में जानकारी देंगे।

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नवाजुद्दीन सिद्दीकी हिन्‍दी फिल्‍मों के famous Actor है। नवाजुद्दीन ने अपने जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने अपने मेहनत से इस मुकाम को हासिल किया उन्‍होंने शुरूआत में कई फिल्‍मी में छोटा रोल किया।लेकिन इन छोटे-मोटे रोल में नवाज से इतना अच्‍छा काम किया कि उन्‍हें कई फिल्‍में मिली जिसके Lead Actor वे खुद थे।

नवाजुद्दीन सिद्दीकी का जन्‍म 19 मई 1974 को जिला मुजफ्फर नगर के बुढ़ाना गाँव उत्‍तर प्रदेश में हुआ था। इनके पिता का नाम नवाबुद्दीन सिद्दीकी, माँ का नाम मेहरून्निसा है। नवाजुद्दीन सिद्दीकी के पिता एक किसान थे। नवाज के पिता बहुत मेहनती थे। 2015 में उनके पिता की ब्रेन हेमरेज के कारण मृत्‍यु हो गई थी। नवाजुद्दीन 7 भाई और 2 बहनों में सबसे बड़े है। इनका उपनाम नवाज है।

Nawazuddin Siddiqui Education :-

नवाजुद्दीन की प्रारम्भिक पढ़ाई बुढ़ाना गाँव में हुई और इटंरमीडिएट तक की पढ़ाई बुढ़ाना के  BSS Inter College में हुई। उसके बाद वे हरिद्वार चले गए ही Gurukul Kangri Vishwavidyalay हरिद्वार से कैमिस्‍ट्री विषय से B.Sc  पूरा किया।

Nawazuddin Siddiqui Marriage :-

नवाजुद्दीन सिद्दीकी की शादी अंजली सिद्दकी से हुई थी । नवाज ने कम आयु में अंजली से विवाह किया था।नवाज और अंजली एक गाँव से belong करते है। नवाज की एक बेटी है जिसका नाम शोरा है।

नवाजुद्दीन ने बड़ोदरा में 1 वर्ष तक केमिस्‍ट के रूप में काम किया। एक दिन वे अपने दोस्तों के साथ नाटक देखने गये। वही से उन्‍हें एक्टिंग करने का चस्‍का लग गया। उन्‍होंने अपनी मन की बात को दोस्‍त को बताई तो दोस्‍त ने नवाज को बताया कि अगर एक्टिंग सीखनी है दिल्‍ली जाओं। नवाजुद्दीन ने केमिस्‍ट नौकरी को छोड़कर अपने सपनों को पूरा करने के लिए दिल्‍ली चले आये। वहाँ पर N S D (नेशनल स्‍कूल ऑफ ड्रामा) वर्ड की सबसे अच्छी एक्टिंग स्‍कूल है। नवाजुद्दीन  NS D में एडमिशन लेना चाहते थे। लेकिन वहाँ पर नाटक करने का अनुभव होना चाहिए। इसलिए नवाज ने प्‍ले ग्रुप  Shakshi theatre Group से जुड़ गये। जहाँ से सौरभ शुक्‍ला, मनोज बाजपेई ने एक्टिंग सीखी। नवाजुद्दीन छोटे-मोटे Play करनेलगे लेकिन इन नाटको से इतना पैसा नही मिलता था कि वे अपना पेट भर सके और अपने भविष्‍य को अच्‍छा कर सके। एक दिन अचानक उनकी नजर, किसी पब्लिक टॉयलेट की दीवार पर पड़ी उस दीवार पर एक पोस्‍टर लगा था | जिस पर लिखा था “सिक्‍योरिटी गार्ड और वॉचमैन चाहिए।उसके बाद नवाज ने शाहदरा के पास खिलौनों की फैक्‍टरनी में वॉचमैन की नौकरी कर ली। नवाज अपने सपनों को पूरा करने के लिए 9 से शाम 5 बजे तक वॉच मैन की नौकरी करते और शाम को प्‍ले ग्रुप में एक्टिंग करते।

कठोर मेहनत के बाद नवाज ने NSD में Admission लिया।  NSD  में उन्‍हें हर चीज की सुविधा थी। नवाज ने अपना पूरा फोकस एक्टिंग पर किया दिन रात वे एक्टिंग के गुण सीखते।  National School of Drama (एन एस डी ) से निकलने के बाद कई सालों तक वे दिल्‍ली में रहे। दिल्‍ली में ही सड़कों पर कई नाटक किये, थिएटर, नुक्‍कंड़ नाटक किये। इसके बाद वे मुम्‍बई चले आये।

मुम्‍बई में उन्‍होंने सीनियर से मदद माँगी। सीनियर नवाज की मदद करने के लिए तैयार हो गया, लेकिन उसने यह शर्त रखी कि तुम यहाँ रह सकतेहै लेकिन तुम्‍हें मेरे साथ खाना बनाना पड़ेगा। नवाज को अपने सपने पूरे करने थे। उन्‍हें मुम्‍बई में कुछ बड़ा करना था इसलिए वे शर्तों को मान गये। नवाज ने धीरे-धीरे  T.V serial  में काम करने लगे। लेकिन TV Serial  में 1-2 एपिसोड करने के बाद उन्‍हें मना कर दिया। नवाजुद्दीन कहते कि – उस वक्‍त सीरियल में छोटे-मोटे रोल में भी सिर्फ सुन्‍दर लोगों को लिया जाता था, मुझे लेते तो 2-4 लाइट एक्‍स्‍ट्रा लगानी पड़ती |

– नवाजुद्दीन सिद्दीकी की सफलता की कहानी –

नवाजुद्दीन को पहला ब्रेक सरफरोस फिल्‍म में मिला। जिसमें वे छोटा रोल प्‍ले करते है। इस फिल्‍म में वे अपराधी बनते है। नवाज ने सचिन तेदुलकर के पेप्‍सी वाले  AD में धोबी का रोल मिला जिसके लिए उन्‍हें 500 रूपये मिले। नवाज को ज्यादातर चोर, वेटर, अपराधी, भिखारी का रोल मिलता था। लेकिन वे इस रोल को बखूबी निभाते।

इस बात पर नवाज कहते है कि –

“लोग सोचते थे कि यह गरीब दिखता है, इसको गरीब के रोल्‍स दो”

धीरे-धीरे समय निकलता जा रहा था। नवाज के लिए पिक्‍चरों में काम करना उनके फैमिली और गाँव के लिए एक अनोखा कार्य था। गाँव के सभी लोग उनका मजाक बनाते क्‍योंकि नवाजुद्दीन काफी समय से  Steruggle कर रहे थे। नवाजुद्दीन कभी-कभी सोचते कि मुम्‍बई को छोड़कर वे गाँव चले जाये लेकिन गाँ के लोग ताने मारेंगे। नवाज जानते थे कि मुम्‍बई में ही उनके सपने साकार होंगे  इसलिए वे मुम्‍बई में संघर्ष करने लगे।जब कई सालों तक वे मेहनत करते रहे और सफल नहीं हुए तो उनकी माँ समझती है कि बेटा घूरे (कचरा के दिन भी आते है तेरा भी दिन आयेगा।”

नवाज ने 2010 में पीपली लाइव में एक रोल मिला था । इस फिल्‍म में वे एक जर्न लिस्‍ट बने। इस फिल्‍म में उन्‍होंने बहुत अच्‍छा काम किया। और दर्शक उन्‍हें जानने लगे। उसके बाद उन्‍होंने कई पिक्‍चरों में काम किया। नवाज ने गैंग्‍स ऑफ वासेपुर में भी काम किया। इस फिल्‍म अभिनय से उनके पिता बहुत खुश हुए । वे खुद बताते है कि “ जब मैं गाँव जाता था मेरे पिता मेरे पर गुस्‍सा हेाते थे क्‍योंकि मेरी ज्‍यादातर फिल्‍मों में पिटाई होती थी जैसे टॉरर्चर हो रहा जेल में, Hero आकर पीट कर चला गया। तो मेरे पिता गुस्‍सा हो जाते , क्‍या है पीट कर आ जाता है। उनकी उसमें एक्टिंग नजर नही आती थी फिर 12 साल बाद ऐसा हुआ कि गैंग्‍स ऑफ वॉसेपुर मिली जिसमें मैने सब को मारा, तब खुश हुए ”। नवाज ने कई फिल्‍में की। नवाज ने कहानी तलाश, द लंचबाक्‍स, किक, बदलापुर, बजरंगी भाईजान, माँझी एक से बढ़कर एक फिल्‍में की।

Nawazuddin Siddiqui Awards :-

नवाज को कई आवार्ड से सम्‍म‍ानित किया गया है –

  • Screen Award for Best supportin Actor (Talaash),
  • National film Awards ,
  • Zee cine Awards Screen Awards,
  • Film fare Awards,
  • IIFA Awards

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