Narendra Modi Wikipedia In Hindi : Biography | नरेन्द्र मोदी जीवन परिचय
Hey Friend आज हम आपको नरेन्द्र मोदी की जीवनी,Narendra Modi Biography In Hindi नरेन्द्र मोदी Wikipedia Narendra Modi Life Biography In Hindi नरेन्द्र मोदी का जीवन परिचय ,Narendra Modi Jeevan parichay के बारे में Up to Bottom तक जानकारी देंगे|
Narendra Modi Biography In Hindi : Wikipedia
हमारे देश के भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का जन्म 17 सितम्बर सन 195 में गुजरात के बडनगर में हुआ था| नरेन्द्र मोदी का पूरा नाम नरेन्द्र दामोदर दास मोदी है ये स्वतन्त्र भारत के 15 वे प्रधानमंत्री के पद पर बैठने वाले स्वतन्त्र भारत के जन्मे प्रथम व्यक्ति है| इनका जन्म गुजरती परिवार में हुआ| महज़ 8 साल की उम्र से ही राष्ट्रीय सेवक संघ से जुड़ गये |
नरेन्द्र मोदी के पिता का नाम दामोदर दास मूलचंद्र मोदी तथा माता का नाम हीरा बेन था ये चार भाई है नरेन्द्र मोदी अपने माता पिता के तीसरे पुत्र है| मोदी के सभी भाइयो के नाम –पंकज मोदी जो वर्तमान समय से में सुचना विभाग का कार्य करते है , सोमा मोदी जो एक सेवा –निवर्त अधिकार है| सेवा निवृत होने के बाद वे एक वृद्ध आश्रम चले गए है| तीसरे भाई का नाम प्रहलाद मोदी , जो अहमदाबाद में एक दूकान चलते है| नरेन्द्र मोदी जी की एक बहन भी है जिसका नाम बसन्ती बेन मोदी है|
Narendra Modi Marriage
नरेन्द्र मोदी का विवाह बहुत कम उम्र में हो गया था जब वे 18 वर्ष के थे तब उनका विवाह ज़सोदा बेन के साथ हो गया था| लेकिन कुछ परिस्तिथियोंवश वे एक साथ न रह सके और अलग –अलग रहते है मोदी बचपन में अपने भाई और पिता के साथ मिलकर चाय बेचते है कई बार उन्होंने अपने चुनावी भाषणों में यह बात बताई | विधान सभा चुनावों में अपनी विवाह की जानकारी पर खामोश रहने के बाद नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अविवाहित रहने की जानकारी दी और उन्होंने कहा की कोई पाप नहीं किया। नरेन्द्र मोदी के अनुसार एक शादीशुदा के मुकाबले अविवाहित व्यक्ति भ्रष्टाचार के खिलाफ अच्छे तरीके से अपने कार्यभार को संभाल सकता है क्योंकि उसे अपनी wife, परिवार व बच्चों की कोई चिन्ता नहीं रहती। उसके बाद नरेन्द्र मोदी ने शपथ पत्र प्रस्तुत कर जसोदाबेन को अपनी पत्नी स्वीकार किया है।
Narendra Modi Early Study
नरेन्द्र मोदी की शुरूआती पढाई बडनगर में हुई |मोदी पड़ने में ठीक थे वे स्कूल के वाद – विवाद प्रतियोगिता में Participate करते थे| वाद- विवाद में रुचि लेते थे 1967 में नरेन्द्र मोदी घर छोड़ कर चले गये थे| इस दोरान उन्होंने उत्तराखंड में ऋषिकेश रामकृष्ण आश्रम और भी कई धार्मिक स्थलों का भ्रमण किया और गुजरात लौट आये| अहमदाबाद में R.S.S के प्रचारक बन गये ,1978 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से राजनीती विज्ञान में ग्रेजुएशन किया| फिर 1973 में गुजरात यूनिवर्सिटी से राजनीती विज्ञान में मास्टर्स की डिग्री मिली
Narendra Modi Political Career : शिक्षा
नरेन्द्र जब विश्वविद्यालय के छात्र थे तभी से वे RRS की शाखा में प्रतिदिन जाने लगे थे। इस प्रकार मोदी जी का जीवन संघ के एक प्रचारक के रूप में शुरू हुआ | मोदी जी ने शुरुआती जीवन से ही राजनीतिक सक्रियता दिखलायी और बीजेपी का जनाधार मजबूत करने में विशेष भूमिका निभायी। गुजरात में शंकर सिंह वाघेल का जन आधार शक्तिशाली बनाने में नरेन्द्र मोदी को ही श्रेय मिलता है ।अप्रैल 1990 में जब केन्द्र में मिली जुली सरकारों का दौर शुरू हुआ, जब गुजरात में 1994 के विधान सभा चुनावों में बीजेपी ने अपने बलबूते दो तिहाई बहुमत प्राप्त कर सरकार बना ली और मोदी की मेहनत रंग लायी।
भारत में इसी दौरान दो राष्ट्रीय घटनायें घटीं जिसकी देखरेख स्वयं मोदी जी कर रहे थे । पहली घटना यह थी कि सोमनाथ से लेकर अयोध्या तक की रथयात्रा जिसमें लाल कृष्ण आडवाणी जी को नरेन्द्र मोदी जी का मुख्य सहयोग प्राप्त हुआ । इस तरह कन्याकुमारी से लेकर उत्तर में स्थित कश्मीर तक की मुरली मनोहर जोशी की दूसरी रथ यात्रा भी नरेन्द्र मोदी की ही देखरेख में संपन्न हुई थी । कुछ दिनों बाद शंकर सिंह वाघेल ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया, जिसके बाद केशुभाई पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री के पद पर बैठाया गया और नरेन्द्र मोदी का कार्य देखते हुए उन्हें दिल्ली बुलाया गया और भाजपा में संगठन की दृष्टि से केन्द्रीय मन्त्री का पद सौंपा गया।
गुजरात के मुख्यमन्त्री के रूप में
1994 में केन्द्रीय मन्त्री होने के नाते मोदी जी को पाँच प्रमुख राज्यों में पार्टी संगठन का काम दिया गया जिसे उन्होंने बहुत अच्छी से निभाया । अपने कर्तव्यों के प्रति प्रेम देखा कर उन्हें 1998 में पदोन्नत करके राष्ट्रीय महामन्त्री (संगठन) का कार्यभार सौपा गया। इस पद पर नरेन्द्र मोदी जी अक्टूबर 2001 तक काम करते रहे। धीरे-धीरे उनकी पदोन्नति होती गयी और भारतीय जनता पार्टी ने अक्टूबर 2001 में केशुभाई पटेल की जगह गुजरात के मुख्यमन्त्री पद की कमान नरेन्द्र मोदी को सौंप दी।
क्योकि केशुभाई पटेल की तबीयत 2001 में बिगड़ने लगी थी और भाजपा चुनाव में कई सीट हार रही थी। इसके बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुख्यमंत्री के रूप में मोदी को नए उम्मीदवार के रूप में थे । भाजपा के नेता लालकृष्ण आडवाणी, मोदी के सरकार चलाने के अनुभव की कमी के कारण परेशान थे। उसके बाद मोदी को पटेल के उप मुख्यमंत्री कार्यभार संभालने का प्रस्ताव दिया गया लेकिन उन्होंने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया और आडवाणी , अटल बिहारी वाजपेयी से कहा कि अगर गुजरात की जिम्मेदारी देनी है तो पूरी मुझे दें वरना न दें। बहुत विचार विमर्श के बाद 3 अक्टूबर 2001 को मोदी केशुभाई पटेल की जगह गुजरात के नए मुख्यमंत्री बने। इसके साथ ही मोदी पर दिसम्बर 2002 में होने वाले चुनाव की पूरी जिम्मेदारी भी थी।
मोदी जी का विरोध
नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री का अपना पहला कार्यकाल 7 अक्टूबर 2001 से प्रारंभ किया। इसके बाद मोदी ने राजकोट विधानसभा चुनाव लड़ा और जिसमें उन्होंने काँग्रेस पार्टी के आश्विन मेहता को 14,728 मतों से हरा दिया।लोग उन्हें अच्छे राजनेता के तौर पर जानने लगे
नरेन्द्र मोदी अपनी अलग जीवन शैली के लिये पुरे राजनीतिक गलियारों में जाने जाते हैं। लेकिन कर्मयोगी की तरह जीवन जीने वाले मोदी के स्वभाव से सभी परिचित हैं इस नाते उन्हें अपने काम को कामकाजी जामा पहनाने में कोई दिक्कत पेश नहीं आती। उन्होंने गुजरात में कई ऐसे हिन्दू मन्दिरों को भी तुडवाने में कभी कोई कोताही नहीं की वे जानते है कि जो काम गलत है वह गलत है|वे हिन्दू मंदिर सरकारी कानून कायदों के अनुसार नहीं बने थे। हालाँकि इसके लिये उन्हें विश्व हिन्दू परिषद् जैसे संगठनों ने इसका कड़ा विरोध किया , परन्तु उन्होंने इसकी बिल्कुल भी परवाह नहीं की; जो उन्हें सही लगा वे करते गए | मोदी जी एक लोकप्रिय वक्ता हैं, जिन्हें सुनने के लिये बहुत भारी संख्या में लोग आज भी पहुँचते हैं। कुर्ता-पायजामा व सदरी के इलावा वे कभी-कभी सूट भी पहन लेते हैं।
मोदी के मार्गदर्शन में 2012 में हुए गुजरात विधान सभा चुनाव में बीजेपी ने स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया। भाजपा को इस बार 115 सीटें मिलीं।
मोदी द्वारा चलाये गए गुजरात की योजनाएँ-
मुख्यमन्त्री के रूप में नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के विकास के लिये कई महत्वपूर्ण योजनाएँ शुरू कीं और योजनाओ क्रियान्वित कराया, नीचे कुछ योजनाये है जिनका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है-
- पंचामृत योजना– राज्य के एकीकृत विकास की पंचायामी योजना,
- सुजलाम् सुफलाम् – राज्य में जलस्रोतों का उचित उपयोग, जिससे जल की बर्बादी को रोका जा सके
- कृषि महोत्सव – उपजाऊ भूमि के लिये शोध प्रयोगशालाएँ,
- चिरंजीवी योजना – नवजात शिशु की मृत्युदर में कमी लाने के लिए
- मातृ-वन्दना – जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए ,
- बेटी बचाओ – भ्रूण-हत्या व लिंगानुपात पर अंकुश लगाने के लिए
- ज्योतिग्राम योजना – हर एक गाँव में बिजली पहुँचाने के लिए
- योगी अभियान – सरकारी कर्मचारियों में अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठा जगाने के लिए
- कन्या कलावाणी योजना – महिला साक्षरता व शिक्षा के प्रति जागरुक करने के लिए
- भोग योजना – गरीब छात्रों को विद्यालय में दोपहर का खाना
मोदी का वनबन्धु विकास कार्यक्रम
ऊपर सभी विकास योजनाओं के अलावा मोदी ने आदिवासी व वनवासी क्षेत्र के विकास के लिए गुजरात राज्य में वनबन्धु विकास हेतु एक अन्य दस सूत्री कार्यक्रम भी चला रखा है जिसके सभी 10 सूत्र इस प्रकार हैं:
- पाँच लाख परिवारों को रोजगार
- उच्चतर शिक्षा की गुणवत्ता
- आर्थिक विकास
- स्वास्थ्य
- आवास
- साफ स्वच्छ पेय जल
- सिंचाई
- समग्र विद्युतीकरण
- प्रत्येक मौसम में सड़क मार्ग की उपलब्धता
- शहरी विकास
मोदी के आतंकवाद पर विचार
18 जुलाई 2006 को मोदी ने एक भाषण में आतंकवाद निरोधक अधिनियम जैसे आतंकवाद-विरोधी विधान लाने के सोचा लेकिन भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की इच्छा के बगैर कुछ नहीं हो सकता था जिसके लिए मनमोहन सिंह की काफी आलोचना की।11 जूलाई 2006 मुम्बई विस्फोट, मंगलवार की सायं मुम्बई की लोकल ट्रेनों मे हुए 7 बम विस्फोटों मे 134 से अधिक लोग मारे गए। विस्फोट माटुंगा, माहिम, खार, सांताक्रुज़, जोगेश्वरी, बोरीवली, मीरा रोड और भाइंदर क्षेत्रों में LOCAL TRAIN में हुए। इसी को ध्यान में रखते हुए मोदी जी ने केंद्र सरकार से राज्यों को कठोर कानून लागू करने के लिए सशक्त करने की माँग की।मोदी जी नेआतंकवाद पर कहा –
आतंकवाद पर मोदी जी के विचार ‘आतंकवाद युद्ध से भी बदत्तर है| एक आतंकवादी के लिए कोई नियम नही होते एक आतंकवादी तय करता है| की कब ,कैसे ,कहा और किसको मरना है| भारत ने युद्ध की तुलना में आतंकी हमलो में अधिक लोगो को खोया है |
नरेंद्र मोदी ने कई अवसरों पर कहा था कि यदि भाजपा केंद्र में सत्ता में आई, तो वह सन् 2004 में हाईकोर्ट द्वारा अफज़ल गुरु को फाँसी दिए जाने के निर्णय का सम्मान करेगी। भारत के उच्चतम न्यायालय ने अफज़ल को 2001 में भारतीय संसद पर हुए हमले के लिए दोषी ठहराया था और 9 फ़रवरी 2013 को तिहाड़ जेल में उसे फाँसी पर लटकाया गया।नरेन्द्र मोदी मैक्रो-ब्लागिंग साईट ट्विटर पर वे सबसे अधिक फोलोवेर्स वाले नेता है| नरेन्द्र मोदी को नमो नाम से जाना जाता है| देश के सबसे अधिक लोकप्रिय नेताओ में से एक है| नरेन्द्र मोदी अटल बिहारी बाजपेई से प्रेरित है|
Biography Narendra Modi –
प्रधानमन्त्री पद के उम्मीदवार
Goa में भाजपा कार्यसमिति द्वारा 2014 के लोकसभा चुनाव अभियान की कमान नरेन्द्र मोदी को सौंपी गयी थी।13 सितम्बर 2013 को हुई संसदीय बोर्ड की बैठक में आने वाले लोकसभा Election के लिये प्रधानमन्त्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया गया। इस अवसर पर पार्टी के नेता लालकृष्ण आडवाणी मौजूद नहीं रहे और पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने इसकी घोषणा की। मोदी ने प्रधानमन्त्री पद का उम्मीदवार घोषित होने के बाद चुनाव अभियान की कमान राजनाथ सिंह को सौंप दी। प्रधानमन्त्री पद का उम्मीदवार बनाये जाने के बाद मोदी की पहली रैली हरियाणा के रिवाड़ी शहर में हुई|एक सांसद प्रत्याशी के रूप में उन्होंने देश की दो लोकसभा सीटों वाराणसी तथा वड़ोदरा से चुनाव लड़ा और दोनों निर्वाचन क्षेत्रों से विजय प्राप्त हुई |
2014 लोक सभा चुनाव में
न्यूज़ एजेंसीज व पत्रिकाओं द्वारा किये गये तीन प्रमुख सर्वेक्षणों ने नरेन्द्र मोदी को प्रधान मन्त्री पद के लिये जनता की पहली पसन्द थे। एसी वोटर पोल सर्वे के मुताबिक नरेन्द्र मोदी को PM पद का प्रत्याशी घोषित करने से NDA के वोट प्रतिशत में 5% के बढोतरी के साथ 179 से 220 सीटें मिलने की सम्भावना व्यक्त की गयी।सितम्बर 2013 में नीलसन होल्डिंग और Economic Times ने जो परिणाम दिखाए गए थे उनमें शामिल सबसे ऊपर 100 भारतीय कार्पोरेट्स में से 74 Corporates ने नरेन्द्र मोदी तथा 7 ने राहुल गाँधी अच्छा प्रधानमन्त्री बतलाया था। नोबल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन मोदी को बेहतर प्रधान मन्त्री नहीं मानते ऐसा उन्होंने एक Interview में कहा था। उनके विचार से मुस्लिमों में उनकी स्वीकार्यता हो सकती है जबकि जगदीश भगवती और अरविन्द पानगढ़िया को मोदी का अर्थशास्त्र बेहतर लगता है। योग गुरु स्वामी रामदेव मुरारी बापू जैसे कथावाचक ने नरेन्द्र मोदी का समर्थन किया।
पार्टी की ओर से PM प्रत्याशी घोषित किये जाने के बाद नरेन्द्र मोदी ने पूरे भारत का भ्रमण किया। इस दौरान तीन लाख किलोमीटर की यात्रा कर पूरे देश में 437 बड़ी चुनावी रैलियाँ, 3D सभाएँ व चाय पर चर्चा आदि को मिलाकर कुल 5827 Program किये। चुनाव अभियान की शुरुआत उन्होंने 26 मार्च 2014 को मां वैष्णो देवी के आशीर्वाद के साथ जम्मू से की और कार्यक्रम का अंत मंगल पाण्डेय की जन्मभूमि बलिया में किया। स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद भारत की जनता ने एक अद्भुत चुनाव प्रचार देखा। यही नहीं, नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भारतीय जनता पार्टी ने 2014 के चुनावों में अभूतपूर्व सफलता भी प्राप्त की।
परिणाम
चुनाव में जहाँ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन 336 सीटें जीतकर सबसे बड़े संसदीय दल के रूप में उभरा वहीं अकेले बीजेपी ने 282 सीटों पर विजय प्राप्त की। काँग्रेस सिर्फ 44 सीटों पर सिमट कर रह गयी और गठबंधन को केवल 59 सीटों से ही सन्तोष करना पड़ा। नरेन्द्र मोदी भारत में जन्म लेने वाले ऐसे व्यक्ति हैं जो सन 2001 से 2014 तक लगभग 13 साल गुजरात के 14वें मुख्यमन्त्री रहे और हिन्दुस्तान के 15वें प्रधानमन्त्री बने।एक Historical तथ्य यह भी है कि नेता-प्रतिपक्ष के चुनाव हेतु विपक्ष को एकजुट होना पड़ेगा क्योंकि किसी भी एक दल ने कुल लोकसभा सीटों के 10 % का आँकड़ा ही नहीं छुआ।
भाजपा संसदीय दल के नेता
20 मई 2014 को संसद भवन में बीजेपी द्वारा आयोजित भाजपा संसदीय दल एवं सहयोगी दलों की एक संयुक्त बैठक में जब लोग आ रहे थे तो नरेन्द्र मोदी ने प्रवेश करने से पहले संसद भवन को ठीक वैसे ही जमीन पर झुककर प्रणाम किया जैसे किसी पवित्र मंदिर में भक्तगण प्रणाम करते हैं। संसद भवन के इतिहास में मोदी जी ऐसा करके समस्त सांसदों के लिये उदाहरण पेश किया। बैठक में नरेन्द्र मोदी को सबकी रजामंदी से न केवल BJP के संसदीय दल बल्कि NDA का भी नेता चुने गए । राष्ट्रपति ने नरेन्द्र मोदी को भारत का 15वाँ प्रधानमन्त्री नियुक्त करते हुए इस आशय का विधिवत पत्र सौंपा। नरेन्द्र मोदी ने सोमवार 26 मई 2014 को प्रधानमन्त्री पद की शपथ ली।
वडोदरा सीट से इस्तीफ़ा
नरेन्द्र मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में सबसे अधिक अन्तर से जीती गुजरात की वडोदरा सीट से इस्तीफ़ा देकर संसद में उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीट का प्रतिनिधित्व करने का फैसला किया और यह घोषणा की कि वह गंगा की सेवा के साथ इस प्राचीन नगरी का विकास करेंगे।
प्रधानमन्त्री के रूप में
नरेन्द्र मोदी का 26 मई 2014 से भारत के 15वें प्रधानमन्त्री का कार्यकाल राष्ट्रीय भवन के मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण के बाद शुरू हुआ। 45 अन्य मंत्रियो ने भी इस समारोह में मोदी जी के साथ पद और गोपनीयता की शपथ ली। प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी सहित कुल 46 में से 36 मन्त्रियों ने हिन्दी में और 10 ने इंग्लिश में शपथ ग्रहण की।समारोह में कई राज्यों और राजनीतिक पार्टियों के नेताओ सहित Sark देशों के राष्ट्राध्यक्षों को बुलाया गया ।इस घटना को भारतीय राजनीति की कूटनीति के रूप में भी देखा जा रहा है।
मोदी जी एक अच्छे वक्ता कवि लेखक है |उन्होंने गुजरात के हिन्दू मंदिरों को तुडवा दीया क्योकि वे सरकारी कायदे कानून के खिलाफ बने थे| उस वक्त नरेन्द्र मोदी पर पूरी जनता नाराज थी विश्व हिन्दू परिषद् जैसे कई गठ्नो ने कड़ा विरोध किया लेकिन उन्होंने इन सब बातो पर बिलकुल ध्यान न दिया | वे जानते थे, की वे जो कुछ कर रहे है सही कर रहे है| वे एक अच्छे वक्ता है |उनके भाषण को सुनने के लिए कई लोग आते है नरेन्द्र मोदी ज्यादातर कुरता पायजामा और सदरी पहनते है उन्होंने गुजरती और हिंदी दो भाषाओ का ज्ञान है नरेन्द्र मोदी के परामर्श तथा रणनीतियो के बलबूते वे आज भारत के अच्छे राजनेताओ में से एक है| Narendra Modi Biography In Hindi Wikipedia
नरेंद्र मोदी : सम्मान और पुरस्कार
- नरेन्द्र मोदी को सऊदी अरब की तरफ से अच्छे नागरिक नागरिक सम्मान ‘ अब्दुल अजीज अल सऊदी के अधेश’ से नवाजा गया थे |
- सन 2016 में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनीने मोदी को अफगानिस्तान के
नरेन्द्र मोदी ने पहली रैली से शुरुआत है |नरेन्द्र मोदी ने सूझ बूझ से कई शहरों को आपस में जोड़ते हुए 1340 रैलियां थ्री डी टेक्नालाजी में निकली नरेन्द्र मोदी ने 8 रैलियां उत्तर प्रदेश में 4 कर्नाटक में ,बिहार में 3 ,ओडिशा में 1, असम में , 1 तमिलनाडु में 2 रैलियां ,महारास्ट्र में दो रैलियां निकली| इस तरह से BJP ने जीत दर्ज की 26 मई 2014 को नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बन्ने के बाद सार्क दिपक्षीय वार्ता ,स्वच्छ भारत अभियान कई मुद्दे है| जिन पर मोदी जी ने कठिन कार्य किये |
नरेन्द्र द्वारा चलाये गयी योजनाये
नरेन्द्र मोदी द्वारा चलाई गयी कुछ योजनाये है तथा योजनाओ की सूची इस प्रकार है :-
- प्रधानमंत्री जन –धन योजना
- प्रधानमंत्री आवास योजना
- प्रधानमंत्री सुकन्या समर्धि योजना
- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना
- प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बिमा योजना
- प्रधानमंत्री सुरक्षा बिमा योजना
- अटल पेंशन योजना
- आयुष्मान भारत
- संसद आदर्श ग्राम योजना
- प्रधानमंत्री कोशल विकाश योजना
- प्रधानमंत्री ग्राम विकास सिचाई योजना
- उजाला स्कीम
- स्त्री स्वाभिमान
- आपरेशन ग्रीन्स मिशन
- कुसुम स्क्रीन
- प्रधानमंत्री युआ योजना
- प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल स्वछता अभियान
मोदी द्वारा लिखी गयी किताबें
नरेन्द्र मोदी एक अच्छे लेखक है |उन्होंने कई किताबे लिखी है जो इस प्रकार है |
ज्योतिपुंज – जो लीग नरेन्द्र मोदी को अपने अच्छे कार्य से प्रभावित करते है इस बुक्स में उनके बारे में किखा है| नरेन्द्र मोदी ने अपने प्रचारक जीवन में इस किताब में लिखा गया है|
प्रेम तीर्थ – नरेन्द्र मोदी अपनी माँ से अत्यधिक प्यार स्नेह करते थे| इस लिए उन्होंने इस किताब में माँ के प्यार को बहुत सरल भाषा में समझाया है|
एडोब ऑफ़ लव – नरेन्द्र मोदी जी की यह किताब 8 कहानियो का संग्रह है| यह किताब उन्होंने बहुत कम उम्र में लिखा था |
नरेन्द्र मोदी पर लिखी गयी बुक्स
- नरेन्द्र मोदी अ पालिटिकल बायोग्राफी
- उदय माहुरकर की ‘सेंटर स्टेज :इनसाइड
- दी नरेन्द्र मोदी माडल ऑफ़ गवेर्नेस
- दी मन ऑफ़ दी मोमेंट –नरेन्द्र मोदी
- दी नमो स्टोरी :अ पोलटिकल लाइफ
- नरेन्द्र मोदी गेम चेंजर
मोदी की बात आम जनता तक
मोदी को अपने देश से बहुत लगाव है इसलिए भारत देश की आम जनता की बात को जानने के लिए और उन तक अपनी बात पहुंचाने के लिए नरेंद्र मोदी ने ”मन की बात ” कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यक्रम के जरिए मोदी ने लोगों के विचारों को,जनता की परेशानियों को जानने की कोशिश की और साथ ही साथ उन्होंने लोगों से स्वच्छता अभियान साथ विभिन्न योजनाओं से जुड़ने की बात कही।
नरेन्द्र मोदी जी के विवाद
27 फ़रवरी 2002 को भगवान राम की जन्म भूमि अयोध्या से गुजरात वापस लौट कर आ रहे कारसेवकों को गोधरा स्टेशन पर खड़ी ट्रेन में मुसलमानों की हिंसक भीड़ द्वारा आग लगा कर उस ट्रेन में बैठे कारसेवको को जिन्दा जला दिया गया। इस घटना में 59 कारसेवक मारे गये थे। रोंगटे खड़े कर देने वाली इस हादसे की प्रतिक्रिया स्वरूप पूरे गुजरात में हिन्दू-मुस्लिम दंगे भड़क उठे। इस घटना में मरने वाले 1180 लोगों में ज्यादा संख्या अल्पसंख्यकों की थी। इसके लिये Newyork Times ने मोदी प्रशासन को जिम्मेवार ठहराया। कांग्रेस सहित अनेक विपक्षी दलों ने नरेन्द्र मोदी के इस्तीफे की माँग की। मोदी ने गुजरात की 10वी विधानसभा भंग करने की संस्तुति करते हुए राज्यपाल को अपना त्यागपत्र दे दिया। जिसके फलस्वरूप पूरे प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। राज्य में दोबारा चुनाव हुए जिसमें BJP ने मोदी के मार्गदर्शन में विधान सभा की टोटल 182 सीटो में से 127 सीटों पर विजय हासिल की।
अप्रैल 2009 में भारत के High Court ने विशेष जाँच दल भेजकर यह जानना चाहा कि कहीं गुजरात के दंगों में नरेन्द्र मोदी का हाथ तो नहीं । यह विशेष जाँच दल दंगों में मारे गये काँग्रेसी सांसद ऐहसान ज़ाफ़री की विधवा ज़ाकिया ज़ाफ़री की शिकायत पर भेजा गया था। दिसम्बर 2010 में High Court ने SIT की रिपोर्ट पर यह फैसला सुनाया कि इन दंगों में नरेन्द्र मोदी के खिलाफ़ कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।
उसके बाद फरवरी 2011 में Times Of India ने यह आरोप लगाया कि रिपोर्ट में कुछ बाते जानबूझ कर छिपाये गये हैं और यह बी कहा कि सबूतों के अभाव में नरेन्द्र मोदी को अपराध से मुक्त नहीं किया जा सकता। Indian Express ने भी यह लिखा कि रिपोर्ट में मोदी के विरुद्ध कोई साक्ष्य न मिलने की बात भले ही की हो किन्तु अपराध से मुक्त तो नहीं किया।BJP ने माँग की कि SIT की रिपोर्ट को leak करके उसे प्रकाशित करवाने के पीछे काँग्रेस पार्टी का राजनीतिक स्वार्थ है इसकी भी High Court द्वारा जाँच होनी चाहिये।
Supreme Court ने बिना कोई फैसला दिये अहमदाबाद के ही एक मजिस्ट्रेट को इसकी निष्पक्ष जाँच करके देर से अपना निर्णय देने को कहा। अप्रैल 2012 में एक अन्य विशेष जाँच दल ने फिर ये बात दोबारा कही कि यह बात तो सत्य है कि ये दंगे भीषण थे लेकिन नरेन्द्र मोदी का इन दंगों में कोई भी हाथ नहीं। 7 मई 2012 को हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त जज राजू रामचन्द्रन ने यह रिपोर्ट पेश की कि गुजरात के दंगों के लिये नरेन्द्र मोदी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए (1) (क) व (ख), 153 बी (1), 166 तथा 505 (2) के अन्तर्गत कई समुदायों के बीच इर्ष्या की भावना फैलाने के अपराध में दण्डित किया जा सकता है। हालांकि रामचन्द्रन की इस रिपोर्ट पर विशेष जाँच दल (SIT) ने आलोचना करते हुए इसे दुर्भावना से परिपूर्ण एक Doument बताया
26 जुलाई 2012 को नई दुनिया के सम्पादक शाहिद सिद्दीकी को दिये गये एक Interview में नरेन्द्र मोदी ने खुले शब्दों में कहा – “2004 में मैं पहले भी कह चुका हूँ, 2002 के साम्प्रदायिक दंगों के लिये मैं क्यों माफ़ी माँगूँ? अगर मेरी सरकार ने ऐसा किया है तो उसके लिये मुझे सबके सामने फाँसी दे देनी चाहिये।” मुख्यमन्त्री ने गुरुवार को नई दुनिया से फिर कहा- “अगर मोदी ने अपराध किया है तो उसे फाँसी पर लटका दो। लेकिन अगर मुझे राजनीतिक मजबूरी के चलते अपराधी कहा जाता है तो इसका कोई उत्तर मेरे पास नहीं है।” यह कोई पहली बार नहीं है जब मोदी ने अपने बचाव पक्ष में ऐसा कहा हो। वे इसके पहले भी यह तर्क देते हुए यह कहा है कि गुजरात में और कब तक बीते ज़माने की बातो को लिये बैठे रहोगे? यह क्यों नहीं देखते कि बीत चुके एक दशक में गुजरात ने कितनी तरक्की की? इससे मुस्लिम को भी तो फायदा पहुँचा है।
लेकिन जब केन्द्रीय क़ानून मन्त्री सलमान खुर्सीद से पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया – “पिछले बारह वर्षों में यदि एक बार भी गुजरात के मुख्यमन्त्री के खिलाफ़ FIR॰ दर्ज़ नहीं हुई तो आप उन्हें कैसे अपराधी ठहरा सकते हैं? उन्हें कौन फाँसी देने जा रहा है?”बाबरी मस्जिद के लिये पिछले 45 सालों से कानूनी लड़ाई लड़ रहे 92 वर्षीय मोहम्मद हाशिम अंसारी ने कहा है कि भाजपा में प्रधानमन्त्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में गुजरात में सभी मुसलमान खुशहाल और विकसित हैं। और जबकि इसके विपरीत कांग्रेस सदेव मुस्लिमों में मोदी के प्रति गलत विचारो भरने की कोशिश करती है
सितंबर 2014 की भारत यात्रा के दौरान AUSTRALIA के प्रधानमंत्री टोनी एबौट ने कहा कि नरेंद्र मोदी को 2002 के दंगों के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री होने के नाते उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए क्योंकि वह उस समय मात्र एक अधिकारी थे जो कई जाचो में पाक द्वारा निर्दोष साबित हो चुके हैं।