Kis Baat Ki Jaldi Hai Poetry Lyrics In Hindi : Pooja sachideva : दोस्तों , आज हम आपसे Pooja Sachdeva की Kis Baat Ki Jaldi Hai Poetry Lyrics Poetry Share कर रहा हूँ , लोगो की मानसिकता पर जोरदार थप्पड़ मारते हुए यह Story बेहद नाजुक भाव को समझाने के लिए लिखी गयी है |
Kis Baat Ki Jaldi Hai Poetry Lyrics In Hindi : Pooja Sachideva
एक बात बताओ ,किस बात की जल्दी है,
नहीं ,कहाँ जाना चाहते हो ,
मरने से पहले ही,
क्यों मर जाना चाहते हो |
बिना घंटो का हिसाब रखे ,
यारो से बेफिजूल की बात करे |
सोफे पर बैठ कर माँ के साथ ,
चलो थोड़े से मटर छिलें |
हाथ में पेपर पकड़े बाबा ,
जो आराम कुर्सी बैठे है|
उनसे बतियाये,अरसे हुए कितने,
चलो उनसे दुनिया का हाल सुने |
बहन की चोटी खीच कर ,
उसे चिढ़ाना भूल गए है|
गली के बच्चों संग,
चलो आज बीस ओवर का मैच रखे|
घड़ी के काटो से रेस लगाते,लगाते लगाते ,
वक्त कि तरह ही क्यू ,
बस गुजर जाना चाहते हो |
नहीं, किस बात की जल्दी है ,
कहाँ जाना चाहते हो |
मारने से पहले क्यों मर जाना चाहते हो |
ट्रैफिक सिग्नल पर रुके हुए ,
बाजू में जरा देखो तुम ,
बस की खिड़की पर उस,
अजनबी की मुस्कान जरा फेको तुम ,
लाल बत्ती में ये जो तुम व्हाटसअप,
पर रिश्ते सुलझाते रहते हो ,
पर खुबसूरत अजनबी को जानने का
मौका क्यों गवाना चाहते हो |
किस बात की जल्दी है मियां ,
कहाँ जाना चाहते हो |
मरने से पहले हे क्यों, मर जाना चाहते हो |
मुल्ला की दौड़ मस्जिद तक ,
तुम्हारी दौड़ दफ्तर तक ,
लैपटॉप मोबाइल रहते साथ तुम्हारे,
बाथरूम से लेकर बिस्तर तक ,
अमा मियां ये सब छोड़ो ,
कबूतरों को चलो दाने डाले |
उगते सूरज से नजर मिलाये,
एक दिन तो वह उससे भी गुफ्तगू
मंदिर का चलो दिया जलाएं
चिंताओं का इतवार हो
सुकून थोड़ा उधार लो
यस सर नो सर यस सर से आगे बढ़ो
जिंदगी अपनी सवार लो
लैपटॉप बैग की जगह
हाथ में ट्रेवल बस्ता हो
ट्रेन में सब अनजाने चेहरे
और अनजान सा रास्ता हो
करके यह देखो यह भी
इतना क्यों घबराते हो
जिंदगी के कपड़े का
एक छोटा सा धागा तुम
पर स्वेटर बनाने से पहले
तुम क्यों उधड जाना चाहते हो
किस बात की जल्दी है भाई
कहां जाना चाहते हो
मरने से पहले क्यों मर जाना चाहते हो
मत करो मत करो अपने साथ ऐसा मत करो