Chanakya Neeti On Friendship In Hindi | चाणक्य नीति : दोस्ती पर कथन 

0
Chankya Neeti on Friendship In Hindi
Chankya Neeti on Friendship In Hindi

Chanakya Neeti On Friendship In Hindi | चाणक्य नीति : दोस्ती पर कथन 

Chanakya Neeti On Friendship In Hindi : आज हम आपसे Chankya Neeti में Friendship [दोस्ती] पर कहे गए सभी श्लोंको का hindi में अर्थ बतायेंगे | Chankya के बताये गए ये नियम आपके लिए रामबाण सिद्ध होंगे |

Hy Friends , आज हम आपसे Chanakya Neeti को Hindi Language में Share करने जा रहे हैं | Chankya ने अपनी Chankya Neeti में Love, [Dushman],Student,Life,Woman,Dharma,Knoweldge आदि Topics को बहुत ही अच्छी प्रकार से हमें बताने की कोशिश की है , अगर हम चाणक्य की नीतियों का पालन करे तो हमारे सफल होने की सम्भावना बहुत ही ज्यादा बढ़ जाती है , क्योंकि इन्ही नीतियों के कारण चाणक्य ने मगध के राजा घनानंद को पराजित किया था | चाणक्य ने इन नीतियों का संस्कृत भाषा ने वर्णन किया है जिसका HINDI रूपान्तरण हम यहाँ आपको उपलब्ध करा रहे हैं तो चलिए पढ़ते हैं :Chanakya Neeti Friendship In Hindi

Chanakya Neeti In Hindi : Friendship

  • जीवन में कुछ कष्‍ट अधिक ही दु:खदायक होते है। इन कष्‍टों के  कारण शरीर बिना आग के जल जाता है। जैसा कि पानी का वियोग, अपनों द्वारा किया अपमान, बचे हुए कर्ज का न दे पाना, दुष्‍ट राज की  सेवा, दुष्‍टों का संग। यह सब चीजें बहुत दु:खदायी होती है।
  1. नदी के किनारे के पेड़
  2. दूसरों के घर रहने वाली अपनी पत्‍नी
  3. बिना मन्‍त्री का राजा।
  • यह हर हाल में नष्‍ट हो जाते हैं। नदी के किनारे का पेड़ नदी के कटाव के कारण गिर जाता है। पत्‍नी अलग रहने के कारण अच्‍छा सलाह न पाने के कारण, राजा जब राज  न चला सके तो प्रजा विद्रोह कर देती है।
  • हर आदमी की अपनी-अपनी शक्ति होती है। वह उसी में मस्‍त रहता है।
  • ब्राह्मण  को शक्ति,  शिक्षा।  राजा की शक्ति उसकी  सेना, वैश्‍या की शक्ति उसका धन। शूद्र की शक्ति सेवा में  होती है।
  • यह एक खुला सत्‍य है कि निर्धन की वैश्‍य, शक्तिहीन राजा को प्रजा, फलहीन वृक्ष। इन सबका कोई भी लाभ नहीं होता।
  • वन  में आग लगने पर हिरण, विद्या प्राप्‍त करने पर विद्यार्थी, भिक्षा लेने के पश्‍चात भिखारी, यह  सब  अपने काम  पूरे होते  ही स्‍थान छोड़कर चले जाते है।
  • बुरी आदतों वाले पुरूष, बुरे  स्‍थानों पर रहने  वाले लोग इनसे जो भी मित्रता करता है वह एक  न एक दिन धोखा खाता है।
  • राजा लोग खानदानी आदमी को अपने साथ क्‍यों रखते हैं।
  • इसलिए कि खानदानी आदमी, न तो राजा को मुसीबत में डालता है। न कभी धोखा देता है, न ही वह राजा  के पास  इतना  धन देखकर ईर्ष्‍या करता है।
  • सागर सदा शांत और गंभीर होता है।
  • किन्‍तु प्रलय काल में वह भी अपनी  सीमा पार कर लेता है।
  • परन्‍तु अच्‍छे ज्ञानी, बुद्धिमान एवं साधु लोग कभी अपनी सीमा का उल्‍लंघन नहीं करते। वे सरकार  की भांति प्रलय में भी अपनी सीमा का बन्‍धन नहीं तोड़ते।
  • मूर्ख प्राणी और पशु दोनों एक समान होते हैं।
  • इन दोनों में अन्‍तर केवल इतना है कि पशु की पांव चार और प्राणी के दो होते है। मूर्ख प्राणी के अन्‍दर कांटे भरे होते है। जो दिखाई नहीं देते, किन्‍तु उनकी कड़वी बोली कांटो से भी अधिक तेल लगती है।
  • जिस प्रकार सुन्‍दर फूल बिना गन्‍ध के व्‍यर्थ होता है।
  • इसी प्रकार से रूपवान, यौवन से भरपूर बड़े कुल में पैदा होने वाली स्‍त्री हो या पुरूष विद्या के बिना बिल्‍कुल बेकार होते हैं।
  • काली कुरूप कोयल की सुन्‍दरता उसका स्‍वर है। पुरूष की सुन्‍दरता उसकी विद्या है बुरी औरत की सुन्‍दरता उनकी क्षमा है। इसी तरह  से औरत  की सुन्‍दरता उसका पतिव्रता धर्म होता है।
  • वंश की रक्षा के लिए अपने वंश में से एक को, गांव की रक्षा के लिए पूरे देश को, आत्‍मा रक्षा के लिए पूरे संसार को ही दांव पर लगाना ठीक होता है।
  • हिम्‍मत करने से गरीबी दूर हो जाती  है। पूजा करने से पाप मिट जाते है। चुप रहने से झगड़ा मिट जाता है।
  • हर काम सीमा के अन्‍दर रहकर करना चाहिए।
  • सीमा से बाहर किया हुआ हर काम नुकसान देता है।
  • बहुत सुन्‍दर होने के कारण सीताजी का अपहरण हुआ।
  • सीमा से  भी अधिक गर्व करने के कारण रावण मारा गया।
  • सीमा से बाहर आकर दान करने से राजा बलि को बन्‍धन में  बंधना पड़ा।
  • जो सदा मीठा बोलता है, उसके लिए कोई पराया नहीं। जिसके पास विद्या जैसा धन हो, वह कहीं भी जाकर रह सकता है।
  • व्‍यापार करना हो तो कोई देश दूर नहीं।
  • आत्‍म विश्‍वास से बढ़कर इस संसार में कोई दूसरी ताकत नहीं।
  • एक अच्‍छा फूलदार वृक्ष सारे वन की शोभा बढ़ा देता है। इसी प्रकार एक अच्‍छा बेटा सारे वंश की शोभा बढ़ा देता है।
  • सौ मूर्ख बेटों में एक  बुद्धिमान बेटा अच्‍छा होता है। केवल एक  वृक्ष में आग लगने से पूरे जंगल में आग लग जाती है। एक का ही बड़ा महत्‍व होता है। एक चांद सारे  संसार को प्रकाश देता है। अनेक से  एक  भला यदि वह सपूत हो।
  • पुत्र को दस वर्ष तक प्‍यार करें, फिर उसकेसाथ कड़ाई का व्‍यवहार करें।
  • सोलह वर्ष का पुत्र होने पर उसके साथ मिलकर हर विषय   में विचार विमर्श करें। उसे अपना मित्र समझकर व्‍यवहार करें।
  • कहीं झगड़ा या लड़ाई हो जाए तो अपने भयंकर शत्रु से भयानक आक्रमण होने पर।
  • किसी पापी का संग हो जाने पर।
  • जो भाग निकले वहीं बुद्धिमान होता है। अन्‍त में विजय उसी की होती  है।
  • उस आदमी का जीवन व्‍यर्थ है, जिसे धर्म, मोक्ष में से कुछ नहीं मिलता।
  • प्राणी केवल जीता और मरता है।
  • उसका जीना मरना समान होता है।
  • लक्ष्‍मी का निवास कहां होता है।
  • जहां पर मूर्ख की पूजा नहीं होती। अनाज के भंडार सदा भरे रहते हों। पति पत्‍नी में झगड़ा न होता हो। बस इन स्‍थानों   पर ही लक्ष्‍मी  निवास करती है।
  • पुत्र, मित्र और बन्‍धु यदि यह मन  से दूर  भी हो जाए तो  उनकी संगति पर हम अपना कल और गौरवान्वित कर  सकते  है। यदि वह साधु पुरूष है तो उसका हाथ हमारे लिए सोने का सुहागा है।
  • दोस्‍त
  • प्राचीन काल से आज तक दोस्‍ती मानव जीवन का विशेष अंग रही  है।
  • दोस्‍ती का अर्थ केवल इतना ही है कि प्राणी किसी न किसी अथवा बड़े के साथ मित्रता कभी नहीं करे, ऐसी मित्रता से कभी सुख नहीं मिलता।
  • अमीर आदमी  के पास  दोस्‍त बहुत होते हैं। ऐसे  दोस्‍त केवल अपने स्‍वार्थ के लिए ही  बनते हैं। वे केवल अपनी अमीर दोस्‍त को, पागल बनाने के लिए दोस्‍ती का दावा करते हैं।
  • हर मित्रता के पीछे कोई न कोई  स्‍वार्थ अवश्‍य होता है। बिना स्‍वार्थ दोस्‍ती हो ही नहीं सकती। यह एक कटु सत्‍य है।
  • दु:ख के समय ही सच्‍चे दोस्‍त की पहचान हो सकती है। सुख के  तो सारे साथी हैं। परन्‍तु जब इंसान पर बुरा वक्‍त आता है। उसी   समय सच्‍चे दोस्‍त की असली पहचान होती है।
  • असली दोस्‍त वही है जो दोस्‍त के काम आए।
  • सच्‍चे दोस्‍त को भाई के समान  माना गया है।
  • यही कारण है कि दोस्‍ती ही इन्‍सान के काम आती है।
  • आशा है आपको हमारे Articles पसंद आ रहे होंगे , अपने ज्ञान में लगातार वृद्धि करते रहे हमारे साथ : Bharat Ki Shan आपको ऐसे ही लगातार एक से एक Article उपलब्ध कराता रहेगा ! आपको हमारा यह Article – Chanakya Neeti On Friendship In Hindi | चाणक्य नीति : दोस्ती में कैसा लगा हमे Comment Box में बताना न भूले , अगर आप भी उपर दिए गये Article से सम्बन्धित कोई जानकरी पाना चाहते हैं तो हम आपको जल्द से जल्द आपका Article उपलब्ध कराने का वादा करते हैं |

ONLY FOR OUR SPECIAL READER : अगर आप भी अपना लेख हमे देना चाहते हैं , तो आप हमें अपना लेख लिखकर अपनी Photo और अपनी कुछ Details हमारी Gmail Id Hogimerijeeet32@gmail.com पर भेज सकते हैं , हम आपके Article के नीचे आपका नाम तथा आपकी Photo के साथ आपका Article यहाँ Publish करेंगे ! हमें बड़ी प्रसन्नता होगी कि आप भी हिंदी भाषा को विश्व स्तर पर लाने के लिए सहयोग कर रहे हैं |

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here