Arvind Kejriwal Wikipedia In Hindi : Biography | अरविन्द केजरीवाल का जीवन परिचय
Hy Friends , आज हम आपसे Arvind Kejriwal Wikipedia In Hindi : Biography , Life History In Hindi , Biography In Hindi Share कर रहे हैं , आशा है आपको अरविन्द केजरीवाल की जीवनी,जीवन परिचय काफी पसंद आएगी |
भारत देश में अनेक प्रतिभाशाली नेता हुए है। उनमें से अरविन्द केजरीवाल का नाम आज हर बच्चे बड़ो की जुबान पर बड़े आदर के साथ लिया जाता है। छोटी-छोटी सामाजिक संस्था चलाने वाले अरविन्द केजरीवाल आज दिल्ली के मुख्यमंत्री बन गए है। शायद स्वयं अरविन्द केजरीवाल ने भी कभी नहीं सोचा था कि वह एक दिन Delhi जैसे राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे।
Arvind Kejriwal Short Biography Table
नाम | अरविन्द केजरीवाल |
पद | वर्तमान में दिल्ली के मुख्यमंत्री |
जन्म | 16 अगस्त सन् 1968 |
जन्मस्थान | हरियाणा राज्य के छोटे से गॉंव सिवानी में |
पिता का नाम | गोविन्दराम केजरीवाल |
माता का नाम | गीता देवी |
पत्नी का नाम | सुनीता केजरीवाल |
पार्टी | ‘’आम आदमी पार्टी’’ |
पुरस्कार |
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16 अगस्त सन् 1968 में हरियाणा राज्य के छोटे से गॉंव सिवानी में जन्में अरविन्द केजरीवाल ने कभी नहीं सोचा था कि वह एक दिन देश के लोकप्रिय एवं व्यक्तित्व के धनी बनेंगे। शुरू से ही देश के लिए कुछ कर दिखाने के जुनून में आज अरविन्द केजरीवाल को यहां लाकर खड़ा कर दिया। अरविन्द केजरीवाल बचपन से ही अपने कार्य के प्रति कर्मठ, लगनशील एवं निष्ठावान है। यह जिस काम में लग जाते है उसे पूर्ण तन्मयता एवं मनोयोग से करते हैं। अरविन्द केजरीवाल के पिता का नाम गोविन्दराम केजरीवाल है जो एक इलेक्ट्रिक इंजीनियर थे। इनकी माता का नाम गीता देवी है। अरविन्द केजरीवाल अपने पिता की तीन संतानों में से सबसे बड़ी (पहली) संतान थे। अरविन्द केजरीवाल जी का जन्म श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन हुआ था जिसके कारण घर के सभी सदस्य इन्हें कान्हा के नाम से बुलाते थे। अरविन्द केजरीवाल ने अपना बचपन उत्तर-प्रदेश के हिसार, सोनीपत एवं गाजियाबाद में बिताया। इनकी स्कूली शिक्षा कैम्पस स्कूल हिसार में हुई। स्कूल के दिनों से अरविन्द केजरीवाल अपने काम के प्रति बहुत तत्पर थे। इन्हें ड्रामा एवं डिबेट में बहुत रूचि थी। एक बार जब उन्हें एक डिबेट में भाग लेना था तब उनकी तबियत खराब हो गयी फिर भी अरविन्द केजरीवाल कम्बल लपेट कर स्कूल गये और प्रतियोगिता में भाग लिया। वे नहीं चाहते थे कि उनकी वजह से उनकी टीम हार जाये।
Arvind Kejriwal Wiki In Hindi : Education
सन् 1989 में अरविन्द केजरीवाल ने आईआईटी खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की। कालेज अरविन्द केजरीवाल जी बहुत से ड्रामा में भाग लेते थे। ये उस समय की देश की दशा को अपने ड्रामा के माध्यम से लोगों तक पहुंचाते थे। इसके बाद उन्होंने सन् 1989 में टाटा स्टील कम्पनी ज्वाइन कर ली और जमशेदपुर चले गये सन् 1992 में वे अपने इस काम से ऊब गये। और कुछ सामाजिक कार्य की चाह में टाटा ग्रुप के हेड के पास जाकर उन के सोशल वेलफेयर डिपार्टमेन्ट में काम करने की इच्छा जाहिर की। इनके मना करने पर अरविन्द केजरीवाल ने टाटा स्टील कम्पनी छोड़ दी और सिविल सर्विस की तैयारी करने लगे। उन्होंने पहले अटेम्प्ट क्लीयर कर लिया। जिससे उन्हें आईआरएस मिला था।
जमशेदपुर में इन्होंने मदर टेरेसा का बहुत नाम सुना था वे उनके साथ काम करने की चाह में अरविन्द जी कोलकाता चले गये। मदर टेरेसा से मिले और उनसे बहुत प्रभावित हुये तथा उनके साथ काम करने की इच्छा प्रकट की तब मदर टेरेसा ने अरविन्द केजरीवाल को कालीघाट आश्रम में जाकर काम करने को कहा। वहां जाकर अरविन्द केजरीवाल ने लोगों के साथ मिलकर गरीबों और अभाव-ग्रस्त लोगों की सेवा एवं मदद की। कालीघाट आश्रम में अरविन्द केजरीवाल ने 2 महीने काम किया। अरविन्द केजरीवाल जी कहते है कि मदर टेरेसा से मिलना उनकी लाइफ का टर्निंग प्वाइन्ट था। अरविन्द केजरीवाल जी हमेशा ही देश के लिए कुछ करना चाहते थे। एक बार जब कॉलेज में उनके सभी साथी विदेश जा रहे थे। कैरियर बनाने के लिए उच्च शिक्षा के लिए तब अरविन्द केजरीवाल जी भी चाहते तो जा सकते थे क्योंकि उनका कालेज में सीजीपीए 8.5 से ज्यादा था। लेकिन देश के लिए कुछ कर दिखाने के ज़ज्बें ने उन्हें देश से बाहर जाने नहीं दिया। अरविन्द केजरीवाल ने सिविल सर्विसेज की परीक्षा भी इसलिए दिया था ताकि वे देश के लिए कुछ कर पाए। अरविन्द केजरीवाल का विवाह सन् 1995 में सुनीता केजरीवाल के साथ हुआ जो कि राष्ट्रीय प्रशासन संस्था मंसूरी और राष्ट्रीय जिला कर संस्था नागपुर में उनकी सहकर्मी थी। केजरीवाल और सुनीता के दो बच्चे है।
सन् 1995 में अरविन्द केजरीवाल ने आयकर विभाग में ज्वाइंट कमिश्नर नियुक्त हुए। अरविन्द जी का कहना था कि इन्कम टैक्स डिपार्टमेन्ट बहुत ईमानदार है वहां पर अगर आप सच्चाई से काम कर रहे है तो सभी आप का साथ देंगे किन्तु भ्रष्टाचार में अपनी जड़े मजबूत बना ली थी। जिसको दूर करने के लिए पारदर्शिता की जरूरत थी। अरविन्द केजरीवाल ने यहीं से भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग शुरू कर दी थी। वे अपने पद के अन्दर आने वाले सभी बड़ी ईमानदारी से करते थे। सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास करने के बाद ही केजरीवाल आयकर विभाग में सहायक अधिकारी के रूप में नियुक्त हुए। और नवम्बर 2000 में दो साल की उन्हें छुट्टी दी गई इस शर्त पर कि वे उन दो सालों मे अपना उच्च शिक्षण पूर्ण करके वापस जहॉं से काम छोड़ा वहां से शामिल हो जायेंगे और कम से कम तीन साल लगातार काम करेंगे। अगर वे ऐसा करने में असफल हुए तो उन्हें छुट्टियों के दौरान जो वेतन मिलेगा वो वापस करना होगा और बाद में केजरीवाल नवम्बर 2002 में दोबारा सर्विस में शामिल हुए।
केजरीवाल के अनुसार उन्हें एक साल तक उन्हें कोई पद नहीं मिला। लेकिन कोई काम किये बिना ही उन्हें वेतन मिलता गया। इसलिए 18 महीनों के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया ऐसा कहा जाता है कि केजरीवाल ने अधिकार पत्र पर लिखे तीन साल तक लगातार काम करते रहने के वादे को बीच में ही तोड़ दिया था। लेकिन प्रशासन के अनुसार उनके द्वारा लिए गए 18 माह तक के बिना वेतन वाली छुट्टियों को भी उसमें शामिल कर देना चाहिए। जिससे उनके तीन साल पूरे हो जायें। कई सालों तक ये मतभेद चलता रहा और अन्त में केजरीवाल ने अपने मित्र से कर्जा लेकर 9,27,787 रू देकर अपनी सर्विस छोड़ दी। केजरीवाल के अनुसार उसमें उनका कोई नुकसान नहीं था।
Arvind Kejriwal Political Career In Hindi
सन् 2000 में अरविन्द केजरीवाल ने आयकर विभाग से दो साल की छुट्टी ले ली जिसके तहत उन्हें सैलरी नहीं मिलती थी इस दौरान उन्होंने ‘परिवर्तन’ नाम की एनजीओ की स्थापना की। ये संस्था दिल्ली मे आयकर एवं बिजली विभाग में सभी आम आदमी के काम फ्री में करवाती थी। इन्होंने दिल्ली में इसके परचे बांटे कि आयकर एवं बिजली विभाग में अगर कोई कर्मचारी आप से रिश्वत मांगे तो आप हमारे पास आओ हम आपका काम फ्री में करवाएंगे। लगभग आठ सौ लोगों का काम अरविन्द केजरीवाल ने एक साल के अन्दर फ्री में करवाया। अरविन्द केजरीवाल ने कभी परिवर्तन संस्था का चेहरा नहीं रहे वे हमेशा पीछे से काम करते थे। सामने दिखने वाले मनीष सिसौदिया और अन्य लोगों के थे इस प्रकार दिल्ली के अनेक लोगों का काम अप्रत्यक्ष रूप से पूर्ण निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ करते रहे। सन् 2003 में अरविन्द केजरीवाल ने एक बार फिर आयकर विभाग ज्वाइन कर लिया और एक साल छ: माह तक काम किया।
अरविन्द केजरीवाल चाहते थे सिस्टम बदले लेकिन सिस्टम से बाहर रहकर वे इसे नहीं बदल सकते थे वे अपना काम दिल्ली तक ही सीमित नहीं रखना चाहते थे। पूरे देश से भ्रष्टाचार समाप्त करना चाहते थे और फिर 2006 में अरविन्द केजरीवाल ने आयकर विभाग से इस्तीफा दे दिया और पूर्णरूपेण परिवर्तन संस्था के साथ काम करने लगे। सन् 2006 में अरविन्द केजरीवाल ने पूरे देश में आरटीआई के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक आन्दोलन चलाया। आरटीआई के द्वारा आम आदमी अपनी सरकार से उसके कामों को लेकर सवाल-जवाब कर सकता है, जानकारी ले सकता है। हालांकि इस शक्तिशाली उपकरण को आम आदमी तक पहंचाने में अभी समय लगेगा। अरविन्द केजरीवाल 2011 में अन्ना हजारे के साथ मिलकर जन-लोकपाल बिल पास कराने की लड़ाई में कूद पड़े। अन्ना हजारे की अगवाई में चल रहे ‘इण्डिया अगेस्ट करप्शन’ (आईएटी) आंदोलन में वे आमरण अनशन पर भी बैठे रहे। इस तरह उन्होंने सब तरीके से सरकार के कामों को बदलना चाहा। अन्ना हजारे के साथ-साथ इन्हें भी इस कार्य हेतु ख्याति मिली। देश की जनता के हित में अरविन्द केजरीवाल ने भ्रष्टाचार, रिश्वत, महंगाई, नौकरशाही आदि को दूर करने एवं देश की जनता के हित में अपना प्रबल योगदान किया।

जब उनके इन सब कामों से भी सरकार ने कुछ नहीं किया तब अरविन्द केजरीवाल ने सरकार को ही बदलने के लिए स्वयं राजनीति में आकर। 2 अक्टूबर 2012 को स्वयं की राजनीतिक पार्टी ‘’आम आदमी पार्टी’’ का गठन कर लिया। इस पार्टी के साथ अनेक युवा, जवान बड़ी तेजी से इसके सदस्य बन गए और इस पार्टी की चर्चा जोर शोर से होने लगी। लोग इस पार्टी से जुड़े हुए नागरिकों के प्रति विश्वास एवं निष्ठा के साथ कार्य करने को तैयार हो गये। अरविन्द केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के साथ सन् 2013 में दिल्ली विधान सभा चुनाव लड़ा। देश भर में आम आदमी पार्टी को समाज के सभी समुदाय का सहयोग मिला। बड़े उत्साह के साथ समाज ने इस चुनाव में अपना वोट और सपोर्ट करके पन्द्रह साल से मुख्यमंत्री के पद पर विराजमान कांग्रेस शीला दीक्षित को 8 के मुकाबले 28 सीट से हराकर विजय हासिल की और अरविन्द केजरीवाल भारत के पहले इतनी कम आयु के मुख्यमंत्री बन गए। 26 दिसम्बर अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली के राम-लीला मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। और 49 दिन बाद ही 14 फरवरी 2014 को उन्होंने अपने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। अरविन्द केजरीवाल आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक है। 2015 के चुनाव में उनकी पार्टी ने फिर से भारी बहुमत हासिल किया। और दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में से 67 सीट उन्होंने प्राप्त की। और 14 फरवरी 2015 को वे दोबारा दिल्ली राज्य के रूप में शपथ ली। और दिल्ली में सुशासन कायम करने का सफल प्रयास किया। हम चाहते है कि वे ईमानदारी से साहस पूर्वक देश हित में तथा समाज हित में कार्य करते रहे जिससे दिल्ली राज्य को भ्रष्टाचारमुक्त सुशासन मिलता रहे हम इनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।
Arvind Kejriwal Honors & Awards :-
- 2004 में अशोकफेलो, सिविक इंगेजमेंट
- 2005 में सत्येन्द्र दुबे मेमोरियल अवार्ड, आईआईटी कानपुर, सरकार पारदर्शिता में लाने के लिए अभिनय हेतु पुरस्कार प्राप्त किया।
- 2006 में उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए रमन मैगसेसे अवार्ड
- 2006 में लोकसेवा में सीएनएनआईबीएन इंडियन आफ द ईयर का पारितोषिक प्राप्त किया।
- 2009 में विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार प्राप्त किया तथा उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए आईआईटी खड़गपुर ने पुरस्कृत किया।
- 2010 में नीति में बदलाव लाने वाले अभिकर्ता आफ द ईयर इकनामिक टाइम्स ने अरूणा राय के साथ पुरस्कृत किया गया।
- 2011 में अन्ना हजारे के साथ एनडीटीवी ने इंडियन आफ द ईयर का पुरस्कार दिया गया।
- 2013 में अमेरिकी पत्रिका फॉरेन पालिसी द्वारा 2013 के 100 सर्वोच्च वैश्विक चिन्तन में शामिल किए गए।
- 2014 में प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन द्वारा विश्व के सबसे प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में शामिल किए गए।
Arvind Kejriwal Related Questions :-
प्रश्न : अरविन्द केजरीवाल का जन्म कब और कहॉं हुआ ?
उत्तर : अरविन्द केजरीवाल का जन्म 16 अगस्त 1968 में हरियाणा राज्य के छोटे से गांव सिवानी में हुआ था।
प्रश्न : अरविन्द केजरीवाल के माता-पिता का क्या नाम था ?
उत्तर : अरविन्द केजरीवाल के पिता का नाम गोविन्दराम केजरीवाल और माता का नाम गीता देवी था।
प्रश्न : अरविन्द केजरीवाल का विवाह कब और किसके साथ हुआ ?
उत्तर : अरविन्द केजरीवाल का विवाह 1995 में सुनीता केजरीवाल के साथ हुआ।
प्रश्न : अरविन्द केजरीवाल ने स्नातक कहाँ से किया ?
उत्तर : अरविन्द केजरीवाल ने इण्डियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी खड़गपुर से स्नातक की परीक्षा पास की।
प्रश्न : अरविन्द केजरीवाल ने टाटा स्टील जमशेदपुर में कब नौकरी की ?
उत्तर : अरविन्द केजरीवाल ने टाटा स्टील जमशेदपुर में 1989 ई. में नौकरी की।
प्रश्न : सुनीता केजरीवाल किस विभाग में कार्यरत थी ?
उत्तर : सुनीता केजरीवाल राष्ट्रीय जिलाकर विभाग नागपुर मे कार्यरत थी।
प्रश्न : केजरीवाल किस विभाग में कार्यरत थे ?
उत्तर : केजरीवाल आयकर विभाग में ज्वाइन्ट डायरेक्टर पद पर कार्यरत थे।
प्रश्न : अरविन्द केजरीवाल ने कौन सी पार्टी बनाई ?
उत्तर : अरविन्द केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी(आप) बनाई।
प्रश्न : अरविन्द केजरीवाल प्रथम बार कब मुख्यमंत्री बने ?
उत्तर : अरविन्द केजरीवाल प्रथम बार 26 दिसम्बर 2013 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
प्रश्न : 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप पार्टी ने कितनी सीटों पर विजय हासिल की ?
उत्तर : 70 में से 67 सीटो पर विजय हासिल की।
प्रश्न : केजरीवाल को उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए कब और किस अवार्ड से सम्मानित किया गया ?
उत्तर : केजरीवाल को सन् 2006 में उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए रेमन मैगसेसे पुरस्कार प्रदान किया गया।
प्रश्न : केजरीवाल ने दोबारा मुख्यमंत्री पद पर कब आसीन हुए ?
उत्तर : केजरीवाल दोबार मुख्यमंत्री पर पर 14 फरवरी 2015 को आसीन हुए।