दोस्तों आज हम एक अच्छा लेख लेकर आए हैं वह है एसिडिटी इसमें आपको acidity kya hoti hai,acidity ke karan,acidity ke lakshan, acidity ke Gharelu Upchar Upay,acidity ke ellaj और कई विशेष जानकारियां देंगे जो इस प्रकार हैं :
एसिडिटी क्या है Acidity Kya Hai :
एसिडिटी एक ऐसी समस्या है जिसमें छाती और सीने में जलन पैदा होती है | यह जलन सीने के नीचे वाले भाग में अधिक महसूस होती है जब हम खाना खाते हैं तो खाने का पूछना भी आवश्यक है | जब हमारा खाना पड़ता है, तो हमारे पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड बनता है | जो हमारे खाने को बचाता है | पेट को मजबूत भी करता है , पर कई बार यह ज्यादा मात्रा में बनने लगता है | जिसके कारण हमें खट्टी डकार आने लगती है , जिससे हमारे सीने में जलन होने लगती है | अभी पदार्थों का पेड़ से खाने वाली नली तक पहुंचना एसिडिटी का कारण है | एसिडिटी की अंदरूनी परत होती है परंतु खाने वाली नली इससे प्रतीत नहीं होती है और जलन होने लगती है जी मिचलाता है ,और कभी-कभी उल्टियां भी आने लगती है|
एसिडिटी मीनिंग इन हिंदी (Acidity Meaning in Hindi ):
एसिडिटी को सामान्य भाषा में पेट की गैस कहते हैं एसिडिटी के और भी कई नाम है :-
• अम्लपित्त
• खट्टापन
Acidity Hone Ke Lakshan [एसिडिटी होने के लक्षण] :-
एसिडिटी के होने के कई लक्षण है जो इस प्रकार हैं –
• सीने में जलन
• सीने में होने वाली जलन का दर्द गले तक होने लगे तब आप समझ जाइए कि आपको एसिडिटी है |
• पेट का अम्लीय द्रव मुंह तक आने लगे जिसे हम खट्टी डकार बोलते हैं |
• खाना निगलने में असहनीय दर्द का होना |
• गले में बहुत समय से दर्द होना |
• उल्टियां होना
• जी मिचलाना
• सूखी खांसी आना
• खाना अच्छा न लगना
• गले में खरखराहट या आवाज का बदलना |
• अत्यधिक खट्टी डकार का आना
• सांसों में बदबू आने लगती है |
• वजन का घटना
• काला मल मल में खून का आना |
• एसिड से दांतो की चमक चली जाती है |
• डकार के साथ पानी तथा खट्टा द्रव का आना |
• पेट में अत्यधिक गैस का बनना |
• सिर में दर्द होना
• अत्यधिक दस्त का नाक में अजीब दर्द महसूस होना पेट संबंधी समस्याएं बनी रहना |
Acidity Ke Karan (एसिडिटी के कारण) :-
• अत्यधिक मिर्च मसाला खाना |
• अत्यधिक चटपटा चटनी प्याज लहसुन गर्म पदार्थ खाना |
• आलू टिक्की चाऊमीन बर्गर खाने से एसिडिटी ज्यादा बनती है |
• नमक का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से एसिडिटी बनती है |
• दर्द निवारक टेबलेट खाने पर एसिडिटी बनती है |
• अधिक समय तक खाली पेट रहने से एसिडिटी होती है |
• व्यायाम ना करने से
• अधपका खाना या अधपका मांस खाने से एसिडिटी होती है |
• फाइबर वाले आहार का सेवन कम करने से एसिडिटी होती है |
• अत्यधिक चावल खाने से
• पूरी नींद ना लेने पर एसिडिटी होती है |
• अत्यधिक गर्म भोजन करने से
• ज्यादा भोजन करने से एसिडिटी होती है |
• शराब धूम्रपान या नशीली दवाओं के सेवन से एसिडिटी होती है |
• अत्यधिक ठंडा या अधिक गर्म खाना खाने से एसिडिटी होती है |
• मोटापा होने पर एसिडिटी होती है
• तली-भुनी चीजें अत्यधिक वसा वाले चीजों को तथा बाजार की खुली चीजों को खाने से एसिडिटी होती है |
• अत्यधिक गरिष्ठ भोजन रात में करने से एसिडिटी होती है |
• दूषित भोजन करने से एसिडिटी होती है |
• पानी कम पीने से
• जल्दी-जल्दी भोजन करने से
• खाने को ठीक से ना चबाकर खाने से एसिडिटी हो सकती है |
• गर्भावस्था में भी एसिड रिफ्लक्स हो जाता है क्योंकि इससे अंदर के अंगों में अतिरिक्त दबाव दबाव पड़ता है |
एसिडिटी से बचाव उपाय :-
• एसिडिटी को दूर किया जा सकता है खानपान में बदलाव जीवन शैली के बदलाव से एसिडिटी से बचा जा सकता है
• फलों को खाने से जो खट्टे ना हो
• हरी सब्जियां जैसे लौकी तुरई गाजर मूली करेला खाने से
• भोजन को दो बार खाने से अच्छा है कि भोजन को थोड़ा-थोड़ा चार पांच बार खाए
• रात को सोने से एक-दो घंटे पहले भोजन कर लेना चाहिए
• ज्यादा पानी पीना चाहिए |
• व्यायाम करना चाहिए |
• योग करना चाहिए |
• अरबी ना खाएं |
• कमर पर या पेट पर ढीले कपड़े पहनना चाहिए टाइट बेल्ट नहीं बांधने से एसिडिटी हो जाती है |
Acidity Me Parhej / Kya Na Khaye (एसिडिटी में परहेज / क्या ना खाएं) :-
• एसिडिटी होने पर मीठी चीजें जैसे चीनी शहर मिठाई नहीं खानी चाहिए |
• ड्राई फ्रूट मूंगफली अखरोट किशमिश का सेवन नहीं करना चाहिए |
• काली मिर्च दालचीनी नहीं खाना चाहिए |
• शराब नहीं पीना चाहिए |
• चाय या कॉफी भी नहीं पीना चाहिए |
• खट्टे या रस से भरे हुए फल नहीं खाने चाहिए |
Acidity Me Kya khaye Na Khaye (एसिडिटी में क्या खाए, ना खाएं) :-
• हरी सब्जी जैसे लौकी तुरई गाजर मूली करेला आलू खीरे को खाना चाहिए क्योंकि यह पेट में अन्य के स्तर को कम करते हैं |
• अदरक खाना चाहिए क्योंकि अदरक से अंग्रेजी बनता और गले की खराश दूर होती है |
• जो फल खाने मैं खट्टे ना हो जैसे खरबूजा केला सेब आदि को खाना चाहिए |
• फाइबर युक्त अनाज जैसे दलिया खिचड़ी साबूदाना खाना चाहिए |
• अंडा खाना चाहिए |
• जैतून का तेल नारियल का तेल सूरजमुखी का तेल खाना चाहिए |
• नारियल पानी पीना चाहिए |
• अगर आपके पेट में जलन हो रही है तो ठंडा पानी भी पी सकते हैं |
• दिनचर्या में बदलाव |
• कभी-कभी पेट में अत्यधिक अंदर जाता है तो हमें इसके लिए एंटी एसिड की दवाई लेनी चाहिए |
• रात में हमें सही ढंग से लेटना चाहिए |
• खाना खाने के बाद थोड़ी देर जरूर पहले क्योंकि पहले से भोजन टच जाता है और एसिड नहीं बनता है |
• खाना खाने के बाद एक दो लौंग मुंह में डालकर चूसना चाहिए |
• हरा धनिया खाना चाहिए |
• ठंडा गाय का दूध पिया |
• आंवला खाएं |
Pet Me Jalan Kaise Kam Kare (पेट में जलन को कम कैसे करें) :-
कभी-कभी हमारे पेट में अत्यधिक जलन गैस दर्द होने लगता है तो हम तुरंत डॉक्टर के पास नहीं जा सकते इसलिए घर पर ही कुछ महत्वपूर्ण औषधियों से उपचार करना चाहिए इससे आपको तुरंत फायदा मिलेगा पेट का दर्द असहनीय और अत्यधिक पीड़ा देता है क्योंकि हमारे शरीर में एक महत्वपूर्ण अंग है |
• भोजन के बाद अगर पेट में जलन होने लगे तो गुड शहद खाएं |
• एक ग्लास पानी में सोडा मिलाकर पिएं |
• पुदीना ठंडा होता है इसलिए जब भी पेट में जलन हो तो पुदीने की पत्तियों को तोड़ कर चला ले या पुदीने की पत्तियों को उबालकर पी सकते हैं |
• नारियल का पानी भी ठंडा होता है इसलिए आप पेट की जलन को कम करने के लिए नारियल का पानी भी पी सकते हैं
एलोवेरा का जूस पिए |
• पेट की जलन को कम करने के लिए खीरा खाएं या खीरे का रस पिय |
• मूवी काली मिर्च और काला नमक डालकर खाएं |
• भोजन करने के बाद सौंफ और मिश्री को खाएं क्योंकि खाना खाने के बाद आपको डकार आती होगी सौंफ और मिश्री खाने से खट्टी डकारे कम आती है |
Acidity Ka Gharelu Upchar , Ayurvedik Nuskhe Aur Ilaj(एसिडिटी का घरेलू उपचार आयुर्वेदिक नुस्खे और इलाज) :-
• एक ग्लास मैं आधा नींबू और मीठा सोडा डाल कर पिए |
• एक गिलास गर्म पानी में नींबू डालकर पीने से एसिडिटी कम होती है |
• शहद में नींबू का रस मिलाकर चाटने से लाभ मिलता है |
• मट्ठा में हल्का नामक मिलाकर पिएं |
• एक चम्मच अजवाइन 3 काली मिर्च पीपल के पत्तों को भिगोकर शाम को रख दें सुबह इन सबको पीसकर पीने से एसिडिटी कम होती है |
• आधा गिलास करेले का रस एक चौथाई चम्मच आंवले का पाउडर में पानी मिलाकर पीने से एसिडिटी कम होती है |
छाछ – छाछ बहुत लाभकारी पेय पदार्थ है इसे पीने से पेट संबंधी सभी बीमारियां दूर हो जाती हैं इसमें लैक्टिक एसिड होता है छाछ ठंडा होता है इसलिए इसे पीने से पेट की जलन कम होती है और भोजन पच जाता है इस में नमक डालकर पीने से लाभ मिलता हैयह एसिडिटी को कम करता है |
दालचीनी – यह एक प्राकृतिक और लाभकारी औषधि है आधा गिलास पानी में एक चौथाई चम्मच दालचीनी डालकर उबाल लें और गुनगुना करके पिए इससे पेट में एसिड कम बनती है |
तुलसी – तुलसी की पत्तियां बालों के लिए रामबाण औषधि है तुलसी की पत्तियों को पानी में उबालकर पीने से एसिड कम होता है और सुबह खाली पेट तुलसी की पत्तियों को चबाने से भी एसिडिटी कम होता है |
नारियल पानी – नारियल पानी यह बहुत फायदेमंद होता है या पेट की जलन को कम करके मन को ताजगी देता है और पेट संबंधी समस्याओं को भी दूर करता है यह एसिडिटी को कम करता है|पेट की जलन को कम करता है|
अदरक – अदरक और शहद मिलाकर खाए| अदरक को गर्म पानी में मिलाकर पिए, स्वाद के लिए चीनी या शहद मिला सकते हैं यह एसिडिटी को बनने नहीं देता और इससे खट्टी डकार नहीं बनती है |
गुड- पेट में अधिक अम्ल होने से पेट में जलन होती है इसके लिए हमें गुड़ खाना चाहिए| आप गुड़ की चाय भी बना कर पी सकते हैं गुड शरीर में अम्ल को जरूरत से ज्यादा नहीं बनने देता |
सौंफ – सौंफ एक लाभकारी औषधि है और यह ठंडा होता है पेट की जलन को कम करता है खाना खाने के बाद सौंफ को खाना चाहिए |सौफ की तहसीर ठंडी होती है |
काली मिर्च- एक गिलास में चुटकी भर काली मिर्च और आधा नींबू डालकर पीने से फायदा मिलता है काली मिर्च ठंडी होती है और यह एसिडिटी को कम करता है पेट की जलन को भी कम करता है |
ठंडा दूध – दूध में कैल्शियम पाया जाता है कैल्शियम एसिड को कम करता है पेट की जलन को कम करने के लिए ठंडा दूध पिए और उसमें चीनी ना डालें |
जीरा – जीरा एसिड को कम करके भोजन पचाने में मदद करता है या पेट में बनने वाली गैस को कम करता है जीरे को गर्म पानी में उबाल कर पिए जीरे को भूनकर चूर्ण बना लें आधा गिलास पानी के साथ पिए एसिडिटी बदहजमी कब्ज को दूर करता है जीरा खाने से खट्टी डकार नहीं आती है |
इलायची – इलायची पाचन शक्ति को बढ़ाता है पेट में होने वाली जलन बदहजमी आइटम को खत्म करता है |इलायची पेट संबंधित सभी समस्याओं को दूर करता है इसीलिए इलायची को भारतीय पकवान में समाहित किया जाता है |भारतीय पकवान कोई भी साग सब्जी इत्यादि मसालेदार चीजों में बनाते समय इलायची का प्रयोग अवश्य किया जाता है |
केला- केले में फाइबर पाया जाता है या पेट के लिए सबसे अधिक फायदेमंद फल है इससे बिल्कुल भी ऐसे नहीं बनता है और यह अत्यधिक जल्दी हो जाता है और पेट को साफ करता है इसे गैस नहीं बनती है केले में पोटेशियम भरपूर मात्रा में मिलता है और पोटेशियम अधिक एसिड नहीं बनाता है |
लौंग- लौंग में कर मिट यू प्रॉपर्टीस क्षमता पाई जाती है जब कभी हमारा जी मिचलाता है या उनका ही आती है तो हमें एक दो लौंग मुंह में डालकर चूसें लौंग में कई गुणकारी तत्व पाए जाते हैं |
आंवला- आंवला के कई गुण है यह हर रोग में फायदेमंद है आप आंवले को कई तरीके से खा सकते हैं रोजाना आप दो आंवले को खा सकते हैं आंवले का मुरब्बा बनाकर खा सकते हैं और आंवला एसिडिटी की शिकायत को खत्म करता है
नमक – पेट में जलन को कम करने के लिए एक गिलास पानी में चुटकी भर नमक डालकर मिलाएं और फिर धीरे-धीरे इसका सेवन करें नमक का पानी फायदेमंद होता है क्योंकि छोटे बच्चों को जब कभी दस्त या पेट संबंधी कोई बीमारी होती है तो एक गिलास पानी में थोड़ा सा नमक डालकर और चीनी मिलाकर पिलाते हैं इससे पेट की सारी शिकायतें दूर हो जाती हैं इसलिए नमक का पानी पेट के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है |
आइसक्रीम- आइसक्रीम बच्चों को बहुत पसंद होती है भोजन के बाद हमें कुछ मीठा जरूर खाना चाहिए क्योंकि कभी-कभी मसालेदार खाना खा लेने के बाद हमारे पेट में एसिडिटी बनने लगती है जिसके कारण हमें कुछ मीठा खाना चाहिए जैसे गाजरकाहलवा आइसक्रीम मिठाई आइसक्रीम के सेवन से पेट की जलन कम हो जाती है और मीठा होने के कारण खट्टी डकारे कम आती हैं |
खीरा- खीरा को आप सलाद के रूप में खा सकते हैं खीरा खाने से आपके शरीर में अधिक मात्रा में पानी पहुंचता है और यह एसिडिटी को कम करता है |
अदरक और नींबू का जूस – अदरक और नींबू जूस को दो-दो बूंद गर्म पानी में उबालें और सामने और गर्म गर्म किए इससे पाचन शक्ति बढ़ती है और पेट भी साफ रहता है |
संतरा- कभी-कभी पेट में अत्यधिक एसिड बनने लगती है तो जी मिचलाता है उल्टी आने लगती है मुंह का स्वाद बिगड़ जाता है खाने का स्वाद भी बहुत कड़वा लगता है तो हमें संतरे का जूस पीना चाहिए यदि संतरे का जूस अत्यधिक खट्टा हो तो जूस बनाते वक्त उस में चीनी डाल दें इससे पेट में अधिक एसिडिटी नहीं बनती है |
Acidity ke Liye Rajiv Dixit Ji Ke Gharelu Nuskhe (राजीव दीक्षित जी के घरेलू नुस्खे )-
सुबह के भोजन में क्या खाएं |
केले को चबा चबा कर खाना चाहिए |
रात को 10 ग्राम किशमिश को पानी में भिगोकर रख दें और सुबह उठकर खा ले |
गेहूं की रोटी मैं देसी घी लगाकर खाएं |
मूंग की दाल मूंग की खिचड़ी बनाकर खाएं |
भोजन में अगर चावल हो तो चावल खाने के बाद गुड़ मिश्री मिलाकर छाछ खाना चाहिए |
दूध में एक चम्मच देसी घी डालकर और चुनाव मिलाकर पिएं|
पानी
सुबह बिना मंजन किए दो गिलास गुनगुने पानी पीना चाहिए |
पानी हमेशा थोड़ा-थोड़ा पीना चाहिए |
पानी हमेशा सादा गुनगुना पीना चाहिए |
भोजन
सूर्य निकलने के 2 घंटे के अंदर सुबह का खाना और सूर्य अस्त होने के 1 घंटे पहले खाना खा लेना चाहिए |
यदि दोपहर को भूख लगे तो हल्का भोजन कर लें जैसे – मूंग की खिचड़ी फल छाछ |
सुबह दही और दोपहर को छाछ और शाम को दूध पीना चाहिए |
मिट्टी के बर्तन हांडी में बनाया भोजन पौष्टिक स्वादिष्ट होता है इसलिए मिट्टी के बर्तन या हांडी में पका हुआ भोजन करना चाहिए |
आयोडीन नमक की जगह सेंधा नमक खाना चाहिए |
मैदा का प्रयोग नहीं करना चाहिए |