जन्माष्टमी व्रत के नियम , पूजा विधि : Janmashtami Vrat Ke Niyam, Pooja Vidhi At Home In Hindi PDF
दोस्तों आज मै आपको आपके प्रिय भगवान श्री कृष्ण की जन्माष्टमी पर पूजा विधि बतायेगें| इस Post में आप Krishna Janmashtami Puja Vidhi At Home In Hindi, Krishna Puja Vidhi In Hindi,Bal Gopal Puja Vidhi In Hindi,Janmashtami Vrat Ke Niyam,Radha Krishna Puja Vidhi In Hindi,Daily Krishna Puja Vidhi In Hindi,How to do Krishna Puja at Home In Hindi, Janmashtami 2018 ko Kab Manayi Jayegee की पूरी जानकारी मिलेगी|इस पोस्ट की मदद से आप श्री कृष्ण की पूजा सही और विधिवत् कर सकते है अगर पूजा सही से की जाए तो भगवान श्री कृष्ण खुश होते है और हमारी मनोकामना पूरी करते है|उम्मीद है आपको यह post अच्छी लगेगी| भगवान श्री कृष्ण की आप पर कृपा बनी रहे|
Krishna Janmashtami Puja Vidhi At Home In Hindi
कृष्ण जन्माष्टमी हिन्दू धर्म लोगों द्वारा हर साल मनाया जाने वाला त्यौहार है| ये भगवान श्री कृष्णजयंती के रूप में मनाया जाता है| श्री कृष्ण हिन्दू धर्म के भगवान है| जिन्होंने धरती पर एक मानव के रूप में जन्म लिया था ताकि वे मानव जीवन को बचा सके और अपने भक्तो के दुःख दूर कर सके| ऐसा माना जाता है कि कृष्ण भगवान विष्णु के आठवे अवतार थे| भगवान कृष्ण को कई नामो गोपाल ,कान्हा ,माखन चोर ,नन्द लला,से जानते है भगवान कृष्ण के 108 नाम है|जो उनके हर रूप को चित्रित करता है| हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण को प्राचीन समय से हिन्दू धर्म के लोगों द्वारा उनकी विभिन्न भूमिकाओ , शिक्षाओ जैसे भगवत गीता उसके लिए पूजा भी जाता है|हिन्दू कैलेंडर के अनुसार भगवान श्री कृष्ण का जन्म अष्टमी को कृष्ण पक्ष में श्रावण महीने में अँधेरी रात में हुआ था|
Janmashtami 2018 ko Kab Manayi Jayegee
भगवान श्री कृष्ण ने अपने भक्तो के लिए इस धरती पर जन्म लिया और शिक्षक,संरक्षक,दार्शनिक, भगवान,प्रेमी कई भूमिकाये निभाई हिदू लोग भगवान विष्णु की भी पूजा करते है और विभिन्न प्रकार के श्री कृष्ण के रूपों की पूजा करते है|उनके हाथो में एक बासुरी होती है और सिर पर एक मोरपंख रहता है कृष्ण अपनी रासलीलाओ अन्य गतिविधियों के लिए अपने मानव जन्म के दौरान बहुत प्रसिद्ध है हम हर साल अगस्त या सितम्बर बड़े उत्साह,तैयारी के साथ जन्माष्टमी मनाते है पूर्ण भक्ति आनंद,समर्पण के साथ लोग जन्माष्टमी जिसे गोकुलाष्टमी, श्री कृष्ण जन्माष्टमी आदि का जश्न मनाते है|ये भाद्रपद माह में आठवे दिन प्रतिवर्ष मनाया जाता है|लोग व्रत रखते हैऔर अपने भगवान की पूजा करते है ,भक्ति गीत गाते है ,प्रसाद खाते है|और भगवान कृष्ण के सम्मान में उत्सव के लिए दही हांडी ,रासलीला करते है|2018 को पूरे भारत में ,विदेशो में कृष्ण जन्माष्टमी 2 सितम्बर को मनाई जायेगी|इस दिन sunday पड़ेगा|
Janmashtami Puja Samagaree
- एक खीरा
- एक चौकी
- लाल साफ़ कपड़ा
- बाल कृष्ण की मूर्ति
- एक सिंहासन
- पंचामृत
- गंगाजल
- दीपक
- दही
- शहद
- ढूध
- दीपक ,घी ,बत्ती
- धूपबत्ती
- अष्टगंध चन्दन ,रोली
- अक्षत (साबुत चावल)
- तुलसी का पत्ता
- माखन ,मिश्री
- भोग सामग्री
Janmashtami Shrangar Samagree
- इत्र
- कान्हा के वस्त्र
- बांसुरी
- मोरपंख
Gopal Puja Vidhi In Hindi
सबसे पहले एक खीरे को एक पात्र में रखकर चाकू से खीरे को बीचो बीच से काटा जाता है| खीरे को इसलिए काटते है क्योंकि किसी नए बच्चे का जन्म होता है तो उसकी नाल काटी जाती है इसलिए खीरे को भगवान कृष्ण की नाल मानकर काटते है|फिर एक चौकी लेते है| चौकी पर साफ़ लाल कपड़ा बिछा लेते है| भगवान कृष्ण की मूर्ति चौकी पर एक पात्र में रखे दीपक जलाये साथ ही धूपबत्ती भी जला लीजिये| भगवान से प्रार्थना करे हे भगवान कृष्ण कृपया पधारिये और पूजा ग्रहण कीजिये फिर भगवान श्री कृष्ण को स्नान कराया जाता है|
Janmashtami Vrat Ke Niyam : जन्माष्टमी व्रत के नियम
सबसे पहले ढूध ,फिर दही ,फिर घी ,शहद से स्नान कराने के बाद गंगाजल से स्नान कराकर अभिषेक किया जाता है| स्नान कराते वक्त लड्डू गोपाल को लगोटी जरूर पहनाये| स्नान किया हुआ पंचामृत प्रसाद के रूप में बाटा जाता है| फिर भगवान श्री कृष्ण को वस्त्र पहनाये|आसन पर बैठाकर कृष्ण जी का श्रंगार करे|हाथों में चूडिया,गले में वैजयंती माला ,सिर पर मुकुट लगाकर मोरपंख लगा भी लगा दीजिये|भगवान कृष्ण की प्रिय वस्तु बासुरी रख दीजिये|
अब पंचोपचार पूजा करे सबसे पहले दीपक दिखाए इसके बाद धूपबत्ती दिखाए अष्टगंध चन्दन या रोली का तिलक लगाये साथ ही अक्षत भी तिलक पर लगाये माखन मिश्री अन्य भोग सामग्री अर्पण करे| भगवान कृष्ण पर तुलसी का पत्ता जरुर चढ़ाये क्योंकि श्री कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार है और विष्णु भगवान को तुलसी अत्यंत प्रिय है|फिर पीने के लिए जल या गंगाजल रखिये इत्र अर्पण कीजिये और फिर फूलो से बनी माला और कुछ फूल चढ़ाये|
अब श्री कृष्ण का ध्यान करें कि श्री कृष्ण बच्चे के रूप में पीपल के पत्ते पर लेटे है शरीर में अनंत ब्रहमांड है और वे अंगूठा चूस रहे है इसके साथ ही श्री कृष्ण के नाम का अर्थ सहित बार बार चिंतन कीजिये कृष का अर्थ है ”आकर्षित करना और ण का अर्थ है ”परम आनंद या पूर्ण मोक्ष इसप्रकार कृष्ण का अर्थ है वह जो पूर्ण मोक्ष की ओर आकर्षित करे वही कृष्ण है मै भगवान श्री कृष्ण को प्रणाम करता हूँ| वे मुझे अपने चरणों में अनन्य भक्ति प्रदान करे और कठिन समय में मेरी सहायता करे|
Visarjan Vidhi
विसर्जन के लिए हाथ में फूल और चावल लेकर चौकी पर छोड़े और कहे हे भगवान कृष्ण आप पूजा में पधारे धन्यवाद्| कृपया मेरी पूजा और जप ग्रहण किजिये और पुनः अपने दिव्य धाम को पधारिये ,मेरे द्वारा किये गए पूजा में अगर कोई गलती हो गयी हो तो क्षमा कीजिये |
Janmashtami Vrat Ke Niyam In Hindi
जन्माष्टमी तिथि को भगवान श्री कृष्ण को जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस दिन वृष राशि में चंद्रमा व सिंह राशि में सूर्य था। इसलिए श्री कृष्ण के जन्म का उत्सव भी इसी काल में ही मनाया जाता है। लोग जन्माष्टमी को रात को रातभर मंगल गीत गाते हैं , झाकियां सजाते है और भगवान कृष्ण का जन्मदिन मनाते हैं। इस व्रत को व्रतराज कहा जाता है। एेसी मान्यता है कि इस एक दिन व्रत रखने से कई व्रतों का फल मिल जाता है अगर भक्त पालने में भगवान को झुला दें, तो उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं !